चंडीगढ़: पंजाब में हथियार का लाइसेंस लेने के लिए अब लोगो को डोप टेस्ट करवाना पड़ेगा. डोप टेस्ट से ये जानने की कोशिश की जाएगी कि हथियार का लाइसेंस लेने वाला युवक कहीं कोई नशा तो नहीं करता. अगर डोप टेस्ट में नशे की मात्रा पाई गई तो जीवन भर हथियार के लाइसेंस से वंचित रहना पड़ेगा.
बताया जा रहा है कि पंजाबी गाने के बोल "मित्रा नूं शोंक हथियारा दा" के बाद बहुत युवक हथियारों के लाइसेंस लेने की कोशिश कर रहे हैं. पहले हथियार का लाइसेंस लेने के लिए ज्यादा फॉर्मेल्टी नहीं होती थी लेकिन अब युवाओं को हथियार रखने के लिए कठिन परिक्षा से गुजरना पड़ेगा. अमृतसर के सिविल हॉस्पिटल में डोप टेस्ट की परिक्रिया की जा रही है.
हथियार रखने के शौकीन लोगों को डोप टेस्ट में पास होने के बाद ही उन्हें रिवाल्वर या कोई दूसरा हथियार रखने की इजाजत मिलेगी. अगर डोप टेस्ट में व्यक्ति फेल हो जाता है तो उसे हथियार रखने की अनुमति नहीं मिल पाएगी. डॉक्टर सरबजीत सिंह के मुताबिक यह टेस्ट ये पता लगाने के लिए करवाया जा रहा है कि लाइसेंस लेने वाला युवक नशे का आदी तो नहीं है. अगर वह नशे का आदी है तो उसे लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. सिंह ने कहा कि सरकार का यह अच्छा फैसला है. डोप टेस्ट कराने की फीस 1500 रूपये है.
दूसरी तरफ डोप टेस्ट करवाने आए लोगों का कहना है कि उन्होंने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था लेकिन उसके लिए डोप टेस्ट जरूरी है. पहले हॉस्पिटल में किट मौजूद नहीं थी लेकिन अब किट आ गई है और लाइसेंस के लिए डोप टेस्ट अच्छी बात है.