रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 56 किमी दूर और जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 17 किमी दूर सोमानी में गुरुवार को एक धान खरीद केंद्र के गेट पर एक नोटिस लगाया गया है, जिसमें किसानों को अगले कुछ दिनों तक नहीं आने के लिए कहा गया क्योंकि अधिक धान रखने के लिए जगह नहीं थी. राज्य भर के कई केंद्रों पर इसी तरह के नोटिस लगाए गए हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है.


बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत करते हुए पत्र लिखा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खरीफ सीजन के लिए केंद्रीय पूल के तहत 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने की पहले सूचना देने के बावजूद राज्य को अंतिम सहमति नहीं मिली. इसलिए, एफसीआई की स्थानीय इकाइयों ने अभी तक अनाज उठाना शुरू नहीं किया है.


किसानों का दावा- नए कृषि कानूनों का विरोध करने की चुका रहे कीमत
इस बीच, हताश किसानों को यह लग रहा है कि वे नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध की कीमत चुका रहे हैं. राज्य की कई किसान यूनियनों के प्रतिनिधि दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए हैं. एक किसान नेता सुदेश टेकाम कहते हैं, "केंद्र और राज्य सरकार इस पर लड़ रही हैं और हमें नुकसान हो रहा है. जैसे कि हमें कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दंडित किया जा रहा है."


बघेल ने किया 21.52 लाख किसानों पर प्रभाव पड़ने का दावा
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को अपने 30 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, “60 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लिए पूर्व सूचना के बाद सरकार ने 1 दिसंबर से खरीद शुरू की और अब तक 12 लाख किसानों में से 47 लाख टन की खरीद की है. लेकिन फ़ोन पर कई बार अनुरोध करने के बावजूद खाद्य मंत्रालय से राज्य को सहमति नहीं मिली है. ”


बघेल ने कहा कि खरीद पर असर 21.52 लाख किसानों पर पड़ेगा. पत्र लिखने के बाद प्रधानमंत्री ने अगले दिन बघेल के साथ बात की और राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि उन्हें "आवश्यक कदम" उठाने का आश्वासन दिया.


सोमानी में खरीद का काम करने वाले सोसाइटी के एक अधिकारी ने कहा कि उनके पास धान के लिए कोई जगह नहीं है. उसने कहा कि " हमने कुछ राइस मिलरों से कहा कि वे जो कुछ व्यवस्था कर सकते हैं तो कर लें, ताकि हम कुछ दिनों के में जगह बना सकें."


52.64 लाख मीट्रिक टन की खरीद की हो चुकी है खरीद
1 जनवरी तक राज्य सरकार ने 52.64 लाख मीट्रिक टन की खरीद की थी. छत्तीसगढ़ में सरकार की ओर से खरीदे जाने वाले धान की मात्रा में हर साल बढ़ोतरी हो रही है. इसमें पंजीकृत किसानों की संख्या 2019 के 19 लाख थी जो बढ़कर अब 22 लाख हो गई है. वहीं, राइस मिलर्स को अब केंद्र और एफसीआई से सिग्नल मिलने का इंतजार है इससे पहले कि वे धान की प्रोसेसिंग शरू कर सकें जिसे किसान खरीद केंद्रों पर ला रहे हैं.


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