नई दिल्ली: यूपी के भीषण रेल हादसे में रेलवे की लापरवाही के कारण 23 लोगों की जान चली गई. एबीपी न्यूज़ ने पहले ही बताया था ट्रैक पर काम चल रहा था. पटरी कटी हुई थी और आशंका है कि इसी कारण हादसा हुआ. अब इस खबर पर उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने भी मुहर लगाई है. माना है कि रेल हादसा लापरवाही के कारण हो सकता है. पटरी पर काम कर रहे लोगों को सूचना देनी चाहिए थी. गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने माना है कि मेनटेंनेंस टीम की तरफ से लापरवाही हुई है.


मुजफ्फरनगर के पास कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 23 लोगों की मौत, 80 घायल

इस हादस में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. ABP न्यूज को कटी हुई पटरी मिली. इतना ही नहीं वहां से मरम्मत के औजार भी मिले हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक सुबह से ही मरम्मत का काम चल रहा था. कटी हुई पटरी देखकर शायद ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया लेकिन तब तक ट्रेन पटरी का कटा हुई हिस्सा पार कर चुकी थी और ट्रेन डीरेल हो गई. इस मामले में सियासत भी गर्मा गई है. पूर्व रेलमंत्री लालू यादव ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु का इस्तीफा मांगा है.

मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसे की तस्वीरों को यहां देखिए

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर में खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 23 यात्रियों की मौत हो गई है वहीं घायलों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मृतकों और घायलों के प्रति संवेदना जताई है.

मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसा : हादसे से लेकर मुआवजे तक की 15 अहम जानकारियां...

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मृतकों के परिजनों को 3.5 लाख रुपये और गंभीर रुप से घायलों को 50 हजार मुआवजे के तौर पर देने की घोषणा की है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मृतको के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी हादसे में राज्य के मरने वाले लोगों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50 हजार बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है. उधर इस हादसे के पीछे किसी आतंकी साजिश की जांच के लिए यूपी एटीएस घटनास्थल जा रही है. राहत और बचाव काम के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें भी घटनास्थल भेजी गई है. पीएसी की 12 कंपनियां राहत और बचाव काम के लिए भेजी जा रही है.