ट्रेन के यात्रियों के मुताबिक अचानक तेजी से ब्रेक लगने की आवाज आई.. हादसे के वक्त उत्कल एक्सप्रेस की रफ्तार बेहद तेज थी. इसी वजह से डिब्बे पटरी से उछल कर एक दूसरे पर चढ़ गए. कुछ डिब्बे तो टक्कर से कागज की तरह पिचक गए.
इस हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान स्लीपर कोच s1 से s 10 तक हुआ. साथ ही थर्ड एसी, बी 1, सेकेंड एसी ए वन कोच के अलावा पैंट्री भी बर्बाद हो गई.
खतौली रेलवे स्टेशन आउटर के पास ट्रेन जोरदार तरीके से रुकी और उसके डिब्बे हवा में उछलकर इधर-उधर गिर गए. करीब 12 बोगी पटरी से उतर गईं. एक डिब्बा तो इतनी दूर पहुंच गया कि पास के एक कॉलेजी की दीवार को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया.
ट्रेन के डिब्बे इतनी बुरी तरह से पलटे थे कि उन्हें क्रेन से उठाना भी मुश्किल हो रहा था. रात होने की वजह से बचाव काम में दिक्कत हुई लेकिन एनडीआरएफ और सेना के जवान रात भर लोगों को बचाने में जुटे रहे.
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