मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली में कल कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 23 पहुंच चुकी है. जबकि 97 से ज्यादा लोग घायल हैं और मुजफ्फरनगर, मेरठ और हरिद्वार के अस्पताल में भर्ती हैं.


इस रेल हादसे के पीछे रेलवे की लापरवाही सामने आई है. ABP न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि ट्रेन को मरम्मत वाली ट्रैक से गुजरने दिया गया. इस हादसे के बाद अब यूपी एटीएस के बयान ने एबीपी न्यूज़ की पड़ताल पर मुहर लगा दी है. एटीएस ने कहा है कि रेल पटरी पर मरम्मत की वजह से ये हादसा हो सकता है.


उत्कल एक्सप्रेस हादसे में रेलवे की लापरवाही के 6 सबूत


ABP न्यूज के चार संवाददाताओं ने मौके पर पड़ताल की और लोगों से बात की. ABP न्यूज की पड़ताल में ऐसे कई सबूत मिले. जो इस हादसे के पीछे रेलवे की लापरवाही को उजागर करते हैं.


सबूत नंबर 1


ABP न्यूज संवाददाता रक्षित सिंह रेल हादसे की जगह पहुंचे तो उन्हें वहां बड़ा हथौड़ा पड़ा मिला. ये हथौड़ा रेलवे के कर्मचारियों के अलावा किसी का नहीं हो सकता. ट्रैक के ही पास रिंच, पाना और पेचकस भी मिले. ये सारे औजार रेलवे के ही थे. जो वहां काम के दौरान पड़े हुए थे.


सबूत नंबर 2


संवाददाता रक्षित सिंह ने रेलवे ट्रैक को ध्यान से देखा तो उन्हें रेलवे ट्रैक पर इमरजेंसी ब्रेक लगाए जाने के निशान भी दिखाई दिए, क्योंकि रेलवे ट्रैक पर रगड़ के निशान थे.


सूबत नंबर 3


जिस रेलवे ट्रैक पर ये हादसा हुआ, वहां पर ट्रैक का टुकड़ा कटा हुआ मिला. साथ ही दो पटरियों को जोड़ने वाली फिश प्लेट भी मिली, जोकि रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का पुख्ता सबूत है.


सबूत नंबर 4


ABP न्यूज संवाददाता अंकित गुप्ता को रेल हादसे वाली जगह से कुछ दूरी पर लाल झंडा पड़ा मिला. आम तौर पर ये लाल झंडा उस वक्त लगाया जाता है. जब रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा होता है.


सबूत नंबर 5


चश्मदीदों ने बताया कि जिस रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा था, उसी ट्रैक से ट्रेन से गुजर गई. कुछ चश्मदीद तो यहां तक बता रहे हैं कि हादसे के वक्त वहां रेलवे के कर्मचारी भी थे.


सबूत नंबर 6


उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के मुताबिक रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था और कर्मचारियों ने ढिलाई बरती.


मौका ए वारदात पर मौजूद सबूत बता रहे हैं कि इस रेल हादसे के पीछे रेलवे की बहुत बड़ी लापरवाही है. लेकिन रेलवे को कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट का इंतजार है. रेल मंत्री से अब उम्मीद है कि इस घोर चूक के लिए जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों को कठोर सजा मिलेगी, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही गलती से भी न हो.


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