Uttar Pradesh Expressways: उत्तर प्रदेश को अगर अब एक्सप्रेस प्रदेश कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी छोर तक को जोड़ने के लिए सूबे में एक्सप्रेस-वे का ऐसा जाल बिछ चुका है कि जिन इलाकों में जाने में कभी 20 घंटे लगते थे अब वो कुछ घंटों की दूरी पर रह गए हैं. आइए आपको बताते हैं कि यूपी में कौन-कौन से एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं और कौन से निर्माणाधीन हैं. जानें उनकी खासियतें, लागत और कौन-कौन से जिले कवर हुए हैं.


गंगा एक्सप्रेस-वे 



  • इसे मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जाना है.

  • इसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी.  

  • इसे बनाने में कुल लागत 41,544 करोड़ रुपये आएगी.

  • यह 6 लेन एक्सप्रेसवे होगा, लेकिन इसे बढ़ाकर 8 तक किया जा सकता है.


कौन से जिले कवर होंगे


मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज


खासियतें क्या हैं



  • इसे पूर्व में बलिया और नॉर्थ वेस्ट में उत्तराखंड बॉर्डर तक बढ़ाया जाना है.

  • इसकी कुल लंबाई 1000 किलोमीटर तक जा सकती है.

  • दोनों फेज तैयार होने के बाद यात्री दिल्ली से बिहार बॉर्डर तक 10-11 घंटों में पहुंच सकते हैं. 


मौजूदा स्टेटस क्या है



  • 94 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. दिसंबर में शिलान्यास हो सकता है. 


बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे



  • इसे आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट पर इटावा के पास बटेश्वर में बनाया जा रहा है. 

  • इसकी लंबाई 296 किलोमीटर है. 

  • इसे बनाने में 14,849 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

  •  यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसे बढ़ाकर 6 लेन किया जा सकता है.


कौन से जिले कवर होंगे



  • चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा


खासियतें क्या हैं?



  • यह दिल्ली से लखनऊ-आगरा और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जुड़ेगा.

  • माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे से बुंदेलखंड क्षेत्र को आर्थिक गति मिलेगी.

  • बुंदेलखंड पिछड़े, बेरोजगारी और बंजर जमीन के लिए जाना जाता है.

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग और मेडिकल इंस्टिट्यूट्स भी बनाए जाएंगे. 


मौजूदा स्टेटस क्या है?



  • 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यह दिसंबर 2021 में आम जनता के लिए खोला जा सकता है. 


गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 



  • यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक बनाया जा रहा है.

  • इसकी लंबाई 92 किलोमीटर की होगी.

  • इसे बनाने में 5877 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

  • यह 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है.


कौन से जिले कवर होंगे?



  • गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर और आजमगढ़ 


खासियतें क्या हैं?



  • इसमें कई अंडरपास के अलावा 7 फ्लाईओवर, 3 रैंप प्लाजा, 2 टोल होंगे.

  • यह आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगा, जिससे गोरखपुर और दिल्ली पूर्वांचल और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के जरिए राजधानी से जुड़ जाएंगे.

  • एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ कई इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग और मेडिकल इंस्टिट्यूट्स भी प्रस्तावित हैं.


पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे



  • पीएम मोदी ने मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन किया.

  • इससे यूपी बिहार बॉर्डर तक की दूरी दिल्ली से महज 10 घंटे की रह जाएगी.

  •  यह 341 किलोमीटर लंबा है.

  • इसे बनाने में 22,497 किलोमीटर की लागत आएगी. 

  • यह लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर लखनऊ के चांदसराय गांव से शुरू होगा और गाजीपुर के हायड्रिया गांव पर खत्म होगा.

  • यहां से बिहार बॉर्डर 18 किलोमीटर है. यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे है, जिसे 8 लेन किया जा सकता है. 

  • इसमें 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 6 टोल, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास बनाए गए हैं.


कौन से जिले कवर होंगे.



  • लखनऊ, अमेठी, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर


क्या हैं खासियतें



  • लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की तरह इस पर भी 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है. 

  • यह यूपी के पूर्वी छोर को दिल्ली के आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा.

  • आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी.दोनों ओर इंडस्ट्रियल हब्स बनेंगे.

  • किसी भी स्थिति में 16 एंबुलेंस तैयार रहेंगी.


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