PM Modi In UP: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया रामायण की इस घटना का जिक्र
Purvanchal Expressway: प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन करने के बाद अवधी-भोजपुरी मिश्रित बोली में पौराणिक-ऐतिहासिक संदर्भों के साथ भाषण की शुरुआत की तो कार्यक्रम स्थल तालियों से गूंज उठा
Purvanchal Expressway Route: यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल फैलता जा रहा है. अब लखनऊ से गाजीपुर पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा. मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की सौगात दी. पीएम मोदी ने 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. इस दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमानों जगुआर, मिराज-2000 और सुखोई ने हैरतअंगेज करतब दिखाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन करने के बाद अवधी-भोजपुरी मिश्रित बोली में पौराणिक और ऐतिहासिक संदर्भों के साथ अपने भाषण की शुरुआत की तो कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इस दौरान पीएम मोदी ने रामायण की एक घटना का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा, 'जवने धरती पर हनुमान जी कालनेमि के वध किए रहें, वो धरती के लोगन के हम पांव लागत हईं.' यानी जिस धरती पर हनुमान जी ने कालनेमि का वध किया था, उस धरती के लोगों को मैं पैर छूकर प्रणाम करता हूं.
कौन था कालनेमि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कालनेमि एक मायावी राक्षस था. कालनेमि का उल्लेख 'रामायण' में आता है जब लंका युद्ध के समय रावण के पुत्र मेघनाद की ओर से छोड़े गए शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए. तब सुषेन वैद्य ने इसका उपचार संजीवनी बूटी बताया जो हिमालय पर्वत पर उपलब्ध थी. हनुमान ने तब तुरंत हिमालय के लिए प्रस्थान किया. रावण ने हनुमान को रोकने हेतु मायावी कालनेमि राक्षस को आज्ञा दी. कालनेमि ने माया की रचना की और हनुमान को मार्ग में रोक लिया. हनुमान को मायावी कालनेमि का कुटिल मकसद पता चला तो उन्होंने उसका वध कर दिया.
Inaugurating the Purvanchal Expressway. #एक्सप्रेस_प्रदेश https://t.co/LyF31LjZjn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2021
हनुमान जी ने कालनेमि दानव का वध जिस जगह पर किया था आज वह स्थान सुल्तानपुर जिले के कादीपुर तहसील में विजेथुवा महावीरन नाम से विख्यात है और इस स्थान पर "भगवान हनुमान" को समर्पित एक सुप्रसिद्ध पौराणिक मंदिर भी है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की सौगात देते हुए मोदी ने भावनाओं की लहर चलाने की भरपूर कोशिश की है और स्थानीय बोली में भाषण की शुरुआत उनकी पुरानी कार्यशैली रही है. मोदी ने भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के पड़ोसी जिले सुल्तानपुर में इतिहास की भी चर्चा की.
उन्होंने 1857 की लड़ाई में सुल्तानपुर की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा, '1857 की लड़ाई में हियां के लोग अंग्रेजन के छट्ठी का दूध याद दियवाई देई रहें. यह धरती के कण-कण में स्वतंत्रता संग्राम का खुशबू हवे-- कोइरीपुर का युद्ध भला के भुलाई सकत है. आज ये पावन धरती के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे क सौगात मिलत बा, जेके आप सब बहुत दिन से अगोरत रहीं. आप सबे के बहुत बहुत बधाई.' यानी 1857 की लड़ाई में यहां के लोगों ने अंग्रेजों को छठी का दूध याद दिला दिया था और इस धरती के कण- कण में स्वतंत्रता संग्राम की खुशबू है. कोईरीपुर का युद्ध भला कौन भूल सकता है. आज इस पावन धरती को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की सौगात मिल रही है जिसका आप सब बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. आप सभी को बहुत बहुत बधाई.
स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुलतानपुर का अहम स्थान रहा है. 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में नौ जून 1857 को सुलतानपुर के तत्कालीन डिप्टी-कमिश्नर की हत्या कर इसे स्वतंत्र करा लिया गया था. संग्राम को दबाने के लिए जब अंग्रेजी सेना ने कदम बढ़ाया तो चांदा के कोइरीपुर में अंग्रेजों से जमकर युद्ध हुआ था. चांदा, गभड़िया नाले के पुल, अमहट और कादू नाले पर हुआ ऐतिहासिक युद्ध 'फ्रीडम स्ट्रगल इन उत्तर प्रदेश' नामक किताब में दर्ज है.
ये भी पढ़ें