Purvanchal Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) का लोकार्पण करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे. 2018 में मोदी ने ही आजमगढ़ में इसका शिलान्यास किया था. इस कार्यक्रम से पहले शुक्रवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बनी एयर स्ट्रिप पर ट्रायल के लिए 3 लड़ाकू विमान पहुंचे.


बताया जा रहा है कि ''टच एंड गो'' ऑपरेशन के तहत विमान उतरते ही उड़ेंगे. एक्सप्रेस-वे पर सुल्तानपुर में कुरेभार गांव के नजदीक 3.2 किलोमीटर लंबा रन-वे बनाया गया है. बताया जा रहा है कि सुखोई, मिराज, जगुआर ट्रांसपोर्ट विमान C130 J  लैंड करेगा. लड़ाकू विमानों का रिहर्सल जारी है. मुख्य कार्यक्रम 16 नवंबर को होगा.


लैंडिंग स्ट्रिप का जायजा लेने के लिए आज दोपहर सुल्तानपुर पहुंचेंगे CM योगी


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ खुद एक्सप्रेस वे पर तैयार किए गए लैंडिंग स्ट्रिप का जायजा लेने के लिए सुल्तानपुर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक 16 नवंबर को पीएम मोदी खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ C-130 J सुपर हरक्युलिस विमान से एक्सप्रेंस वे पर लैंड करेंगे. इसके बाद यहां एक शानदार एयरशो होगा जिसके जरिए भारत दुनिया के सामने अपनी रक्षा तैयारियों की झलक पेश करेंगा. बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे,  यूपी का दूसरा ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसे लड़ाकू विमानों के उतरने के योग्य बनाया गया है. इससे पहले आगरा एक्सप्रेस वे पर भी जेट्स ने उतरकर और उड़ान भरकर अपने कौशल का परिचय दिया है.


इस कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक पत्र प्राप्त होना अभी बाकी


जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से इस कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक पत्र प्राप्त होना अभी बाकी है. बहरहाल, उनके सम्भावित आगमन के मद्देनजर एयर मार्शल आर. जे. डकवर्थ और अयोध्या के पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर कविन्द्र प्रताप सिंह ने सोमवार को निरीक्षण किया. गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र (Bipin Kumar Mishra) के साथ सम्भावित कार्यक्रम स्थल, हेलीपेड एवं अन्य मार्गों के सम्बन्ध में सुरक्षा-व्यवस्था तथा अन्य विभिन्न बिन्दुओं पर गहनता एवं सूक्ष्मता से निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं.


लखनऊ से आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं व्यापार और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी.


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