पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार उत्तराखंड के सीएम बनेंगे. सोमवार को भारतयी जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई. पिछली सरकार में आखिरी वक्त में बीजेपी ने पुष्कर धामी को उत्तराखंड का सीएम बनाया था. हालांकि उन्होंने 6 महीने के कार्यकाल में ही अपने काम से बीजेपी में अपनी पहचान बना ली. अब 23 मार्च को धामी दूसरी बार सीएम के तौर पर शपथ लेंगे.
6 महीने के भीतर जीतना होगा चुनाव
पुष्कर सिंह धामी को बीजेपी विधायक दल ने भले ही अपना नेता चुन लिया हो और वो मुख्यमंत्री बनने वाले हैं, लेकिन अगले 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना ही होगा. संविधान के अनुच्छेद 164(4) में प्रावधान किया गया है कि कोई शख्स यदि विधानमंडल का सदस्य नहीं है, तो वह 6 महीने से ज्यादा मंत्री पद पर नहीं रह सकता है. ऐसे में उन्हें 6 महीने के भीतर सदन की सदस्यता लेनी होगी. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है.
कहां से लड़ सकते हैं चुनाव?
सीएम के तौर पर चुने जाने के बाद सूत्रों का कहना है कि पुष्कर सिंह धामी डीडीहाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इस सीट पर बीजेपी के किशन सिंह चूफाल ने जीत हासिल की है. किशन सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केबिनेट मंत्री हैं. पुष्कर धामी की सरकार में किशन सिंह मंत्री भी रह चुके हैं.
दरअसल उत्तराखंड में विधान परिषद की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में धामी के पास विधानसभा चुनाव जीतने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. गौरतलब है कि हाल में हुए चुनाव में पुश्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा से चुनावी मैदान में थे, लेकिन वो अपनी सीट नहीं बचा पाए थे. उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन चंद्र कापड़ी ने 6579 वोटों से हरा दिया था.
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