Mani Shankar Aiyar On PV Narasimha Rao: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को लेकर गई टिप्पणी पर राव के पोते एनवी सुभाष ने गुरुवार (24 अगस्त) को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने ही नेताओं को बदनाम कर रही है. 


बीजेपी प्रवक्ता एनवी सुभाष ने कहा, ''कांग्रेस की संस्कृति अपने नेताओं की ही छवि खराब करने की है. पीवी नरसिम्हा राव को बदनाम करने के लिए ये किसी भी स्तर तक जा सकते हैं. ये लोग ऐसा पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए करते हैं.'' 


एनवी सुभाष ने क्या कहा?


बीजेपी नेता एनवी सुभाष ने कहा, "कांग्रेस कभी अपने ही नेताओं की इज्जत नहीं करती. खासकर पीवी नरसिम्हा राव की क्योंकि वो आर्थिक सुधार करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. अय्यर ने मेरे दादा (पीवी नरसिम्हा राव) को बीजेपी का प्रधानमंत्री कहा इसका स्वागत है, लेकिन उन्हें सांप्रदायिक बताना सही नहीं है." 


उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के करीबी अय्यर ने कभी पीवी नरसिम्हा राव से उनके काम के बारे में सवाल करने की हिम्मत नहीं की, लेकिन अब उन्होंने उनकी मृत्यु के 19 साल बाद उन्हें सांप्रदायिक बताकर उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाया. 


मणिशंकर अय्यर ने क्या कहा था?


पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने बुधवार (23 अगस्त) को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव सांप्रदायिक सोच वाले व्यक्ति थे. अय्यर ने राव को देश में ‘‘बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री’’ बताया. अय्यर की आत्मकथा ‘‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’’ सोमवार को बाजार में आयी थी. 


इस पुस्तक में अय्यर के दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर तक का जिक्र किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक किताब के विमोचन के मौके पर की टिप्पणियों में अय्यर ने कहा कि उन्हें अहसास हो गया था कि पीवी नरसिंह राव कितने सांप्रदायिक और हिंदूवादी थे. 


अय्यर ने अपनी ‘राम-रहीम’ यात्रा के संदर्भ में कहा, "पीवी नरसिम्हा राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे. मैंने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है." उन्होंने कहा कि बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे बल्कि नरसिम्हा राव थे. 


इनपुट भाषा से भी.


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