नई दिल्ली: देश की राजधानी की सड़कों को यूरोपियन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने को लेकर दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन और विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की जिसमें कई अहम फैसले लिये गये. बैठक में मुख्यमंत्री की ओर से कंसल्टेंट को जल्द से जल्द डीटेल प्लान बना कर सौंपने का निर्देश दिया गया है. साथ ही फरवरी 2021 तक डीपीआर बना कर देने का निर्देश दिया गया है, ताकि जून 2021 तक हर हाल में सड़कों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू हो सके और 2023 की शुरुआत में इन सड़कों के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है.


इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 540 किलोमीटर लंबी सड़कों का यूरोपियन तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाना है, जिनकी चौड़ाई 100 फीट है. समीक्षा बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सड़कों के सौंदर्यीकरण को लेकर चल रहे कामों की विस्तार से जानकारी दी. कंसल्टेंट को डीटेल प्लान के साथ सड़कों की डिजाइन बनाकर देने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद टेंडर आदि की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी.


दिल्ली सरकार ने सड़कों को री-डिजाइन करने की योजना बनाई है ताकि राजधानी की सड़कें भी दुनिया के विकसित देशों की राजधानी की सड़कों की तरह खूबसूरत दिखें. सीएम अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2019 में पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ सड़कों को री-डिजाइन करने की मंजूरी दी थी. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों को री-डिजाइन करने को मंजूरी दी गई है. हाल ही में चांदनी चौक सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के तहत दोबारा विकसित करते हुए दिल्ली की 100 फीट चौड़ी और करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों तक इस योजना का विस्तार किया था.


सड़कों को री-डिजाइन करने से होने वाले बदलाव


सड़कों के री-डीजाइन करने से बॉटल-नेक खत्म होंगे. मौजूदा व्यवस्था में कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है. इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चौड़ी दिखेगी, इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का इस्तेमाल फुटपाथ, नॉन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाने में किया जायेगा. 5 फुट के फुटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा. दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फुटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो.


सड़क पर हरियाली बढ़ाने, नालों में री-हार्वेस्टिंग का सिस्टम लागू होगा


दिल्ली में अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा कम है. इस प्रोजेक्ट के तहत सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह होगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह होगी. आटो और ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा. सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन और री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा. नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे. सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जा सके. स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा. सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा.


सड़कों से खत्म किया जायेगा धूल का प्रदूषण


सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास हर जगह घास लगाई जायेगी ताकि सड़क पर धूल से प्रदूषण बिल्कुल न हो. अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को प्रदूषण की समस्या होती है. सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके.


री-डिजाइन सड़कों पर यह प्रमुख सुविधाएं होंगी


- रिक्शा के लिए पार्किंग


- पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित


- ग्रीन बेल्ट


- पब्लिक ओपन स्पेश


- साइकिल लेन


- पैदल पाथ लेन


- सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा


- सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा, ताकि सड़क से पार्क की खूबसूरती दिखे


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