10 करोड़ के PWD घोटाले में बड़ी कार्रवाई, सीएम केजरीवाल का रिश्तेदार गिरफ्तार
एसीबी ने पिछले साल नौ मई को मामले में तीन एफआईआर दर्ज की थीं. इसमें से एक एफआईआर सुरेन्द्र बंसल की कंपनी के खिलाफ भी दर्ज हुई थी. आपको बता दें कि सुरेन्द्र बंसल दिल्ली के सीएम केजरीवाल के साढू हैं.
नई दिल्ली: पीडब्लूडी घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र बंसल के बेटे विनय बंसल को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है. सुरेंद्र बंसल का निधन हो चुका है और 'रेणु बंसल' कंपनी में विनय पिता सुरेंद्र बंसल के साथ पार्टनर थे. पीडब्यूडी घोटाले में 10 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप है. इस मामले में 8 मई 2017 को एसीबी में FIR दर्ज की गई थी.
एसीबी को शिकायत मिली थी की सुरेंद्र बंसल ने रेणु कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर अनुमानित रकम 4 लाख 90 हज़ार से 46% नीचे पर टेंडर लिया. शिकायत में प्रोडक्ट क्वालिटी ठीक नहीं होने की बात कही गई थी. जांच में महादेव इम्पेक्ट्स कम्पनी से सीमेंट और लोहा खरीदने का पता लगा लेकिन ये कंपनी नॉन एग्जिसटेंट थी यानी इसका कोई अस्तित्व ही नहीं था.
क्यों हुई गिरफ्तारी?
आज गिरफ्तार किए गए विनय बंसल अपने पिता सुरेन्द के साथ 50% के पार्टनर थे. विनय से पूछा गया कि महादेव इम्पेक्ट्स कौन सी कम्पनी थी? इसे लेकर विनय बंसल ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसी आधार पर एसीबी ने आज सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
एसीबी ने पिछले साल नौ मई को मामले में तीन एफआईआर दर्ज की थीं. इसमें से एक एफआईआर सुरेन्द्र बंसल की कंपनी के खिलाफ भी दर्ज हुई थी. आपको बता दें कि सुरेन्द्र बंसल दिल्ली के सीएम केजरीवाल के साढू हैं. प्राथमिकी, रेणु कंस्ट्रक्शन (बंसल, कमल सिंह और पवन कुमार की स्वामित्व वाली) सहित तीन कंपनी के खिलाफ दर्ज की गयी थी.
एक शिकायत में रोडस एंट्री करप्शन ऑर्गनाइजेशन (आरएसीओ) के संस्थापक राहुल शर्मा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बंसल को ठेका देने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया. हालांकि एफआईआए में उनका नाम नहीं था.
राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण परियोजनाओं की निगरानी करने का दावा करने वाले संगठन आरएसीओ ने आरोप लगाया कि बंसल से जुड़ी एक कंपनी उत्तर-पश्चिम दिल्ली में होने वाले एक जल निकासी व्यवस्था (drainage system) के निर्माण में पैसों के लेन-देन की अनियमितताओं में शामिल है. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि बिना पूरा हुये कार्यों के लिए भी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भेजा गया बिल ‘फर्जी और मनगढंत’ है.