Qatar Court Death Penality To Indians: कतर की एक कोर्ट ने वहां रहने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है, जिसे लेकर भारत ने हैरानी जताई है. सबके जेहन में एक ही सवाल है कि क्या कतर यूं ही भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका देगा? तो आज हम आपको बता रहे हैं कतर की अदालत के ऐसे ही एक फैसले के बारे में जिनमें पहले तो मौत की सजा दी गई थी लेकिन बाद में उसे बदल दिया गया.


फिलिपींस के नागरिकों को कतर की कोर्ट ने दी थी सजा-ए-मौत


यह वाकया 9 साल पुराना है. पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने एक चैनल से नौ साल पुराने वाकये का जिक्र करते हुए कहा है कि फिलिपींस के तीन नागरिकों को भी इसी तरह से सजा सुनाई गई थी. इनमें से एक नागरिक कतर जनरल पेट्रोलियम में काम करता था. जबकि बाकी के दो कतर वायुसेना में थे.


आरोप था कि वायुसेना में काम करने वाले दोनो नागरिक कतर जनरल पेट्रोलियम में काम करने वाले नागरिक को खुफिया जानकारी देते थे, जहां से उसे फिलिपींस पहुंचा दिया जाता था. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से गद्दारी करार दिया गया था. इसलिए फिलिपींस के उस नागरिक को मौत की सजा सुनाई गई थी, जो कतर पेट्रोलियम में काम करता था, जबकि एयरफोर्स के दो नागरिकों को 25 साल की सजा सुनाई गई.


हालांकि फिलिपींस सरकार ने तुरंत इस मामले को लेकर कानूनी विकल्पों के साथ मोर्चा संभाल लिया. कतर की कोर्ट में सजा के फैसले को लेकर अपील की गई और कोर्ट ने मौत की सजा कम करके आजीवन कारावास में बदल दिया था. वायुसेना के दो अन्य आरोपियों को भी 25 साल की सजा घटाकर 15 साल कर दी गई.


भारत सरकार ने भी संभाला कानूनी मोर्चा


आठ भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाए जाने के कतर की कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत सरकार ने भी कानूनी मोर्चा संभाल लिया है. विदेश मंत्रालय ने पहले ही परिवार के सदस्यों से संपर्क साधा है और साफ कर दिया है कि कतर की जेल में बंद इन नागरिकों को हर तरह से कानूनी मदद दी जाएगी. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक जो भी विकल्प हैं, उसका इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें भारत सरकार पीछे नहीं हटेगी. सूत्रों ने बताया है कि फैसले के खिलाफ अपील करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.


इन भारतीयों को मिली है सजा-ए-मौत


कतर ने जिन लोगों को सजा सुनाई है वे हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश. इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था. इन भारतीयों ने नौसेना में लगभग 20 साल तक काम किया. नेवी में ट्रेनर से लेकर अन्य महत्वपूर्ण पदों पर इन लोगों ने काम किया है. 


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