Qatar Dahra Global Case: कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को राहत मिलने को लेकर भारत सरकार ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को कहा कि हम मामले को देख रहे हैं. अभी हमें थोड़ा इंतजार करना होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ''कतर के मामले पर मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि अभी तक विस्तृत आदेश की कॉपी नहीं आई है. हमने कल (गुरुवार, 28 दिसंबर) भी यह बताया था. संवेदनशील मामला है. हमारी चिंता 8 भारतीयों और उनके परिवार के हित से जुड़ी हुई है. इस कारण हमें थोड़ा इंतजार करना होगा.''
दरअसल, कतर की कोर्ट ने गुरुवार (28 दिसंबर) को भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की मौत की सजा को कम कर इस पर रोक लगा दी थी. इन सभी को अगस्त में गिरफ्तार किया किया गया था और 26 अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हैरान करने वाला फैसला है. इसको लेकर हम कोर्ट में जाएंगे.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा था, ''हमने अल दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत के आज के फैसले पर गौर किया, जिसमें सजा कम कर दी गई है. इस मामले की कार्यवाही की प्रकृति गोपनीय और संवेदनशील होने के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.’’
भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर क्यों देखा जा रहा है?
मामले में राहत मिलने को भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ दुबई में कोप28 के इतर मुलाकात की थी. इसके बाद पीएम मोदी ने बताया था कि हम दोनों में भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा हुई है.
मामला क्या है?
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कथित जासूसी के मामले में कतर ने गिरफ्तार किया था. हालांकि आरोपों को लेकर कतर ने अभी तक कुछ भी साफ नहीं किया है.
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