जेलरों ने कहा था सामान पैक कर लो, सुबह का इंतजार करो, भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को नहीं थी रिहाई की भनक
India-Qatar Relations: कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को भारत और कतर के संयुक्त प्रयासों के बाद रिहा कर दिया गया.
Qatar India Navy Officer: भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कथित जासूसी के आरोप में कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद कैद में तब्दील किया गया और अब उनकी रिहाई कर दी गई है,
हालांकि, सोमवार (12 फरवरी) की सुबह भारत लौटे 8 में से 7 भारतीय नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों को अपनी रिहाई के फैसले बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने कहा कि गिरफ्तारी के 18 महीने से अधिक समय के बाद राजनयिक संबंधों के चलते कतर ने उन सभी की रिहाई का फैसला किया, जिसका श्रेय कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को जाता है.
दिसंबर में मौत की सजा को कैद में बदला
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना के इन सभी पूर्व अफसरों पर इजरायल के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे. हालांकि, भारत और कतर उन पर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं कर पाए, जिसके चलते अक्टूबर में उनको सुनाई गई मौत की सजा को दिसंबर में बदल दिया गया.
पीएम मोदी 14 फरवरी को करेंगे कतर का दौरा
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे मामले के सभी घटनाक्रमों की व्यक्तिगत निगरानी की थी. वहीं, अब पीएम मोदी 14 फरवरी को कतर का दौरा करेंगे और वहां के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ वार्ता करेंगे.
इंडिगो की फ्लाइट से भेजा गया भारत
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के जेलरों ने बीती रात जेल में बंद सभी पूर्व अधिकारियों को अपना सामान पैक करने को कहा था और रविवार (11 फरवरी) सुबह करीब 9 बजे (स्थानीय समय) तक उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया. इसके बाद उनको पहले दूतावास और उसके बाद एयरपोर्ट ले जाया गया, जहां से उन सभी को इंडिगो की एक फ्लाइट से भारत भेजा गया जोकि सोमवार (12 फरवरी) की सुबह 2 बजे नई दिल्ली पहुंची.
इन भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की हुई है रिहाई
कतर से रिहा होने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल (रिटायर्ड), कैप्टन सौरभ वशिष्ठ (रिटायर्ड), कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (रिटायर्ड), कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा (रिटायर्ड), कमांडर सुगुनाकर पकाला (रिटायर्ड), कमांडर संजीव गुप्ता (सेवानिवृत्त), कमांडर अमित नागपाल (सेवानिवृत्त) और नाविक रागेश (सेवानिवृत्त) प्रमुख रूप से शामिल हैं. बता दें कतर में करीब 8 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं और काम करते हैं.
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