सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार को कहा कि क्वाड के सदस्य देशों में सैन्य सहयोग होगा लेकिन यह ‘नाटो’ सरीखा सैन्य गठजोड़ नहीं होगा. यह बयान भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समूह ‘क्वाड’ के शीर्ष नेतृत्व के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को देखते हुए सहयोग बढ़ाने का संकल्प व्यक्त करने के दो हफ्तों बाद आया है.


सेना प्रमुख ने कहा, “यह एक सैन्य गठबंधन नहीं होगा. निश्चित रूप से क्वाड देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग होगा और चारों देश मिलकर भी सैन्य सहयोग करेंगे. लेकिन यह सैन्य गठजोड़ के संदर्भ में नहीं होगा.” वह इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.


उन्होंने कहा, “क्वाड वास्तव में एक चतुर्भुज सुरक्षा संवाद माना जाएगा. हम इसे क्वाड कहते रहेंगे लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य एक सुरक्षा संवाद का है और इसमें स्वाभाविक तौर पर सुरक्षा का भाव भी होगा.” उन्होंने कहा, “लेकिन इसमें, प्रत्येक देश अपने हितों को भी देखता रहेगा।” सेना प्रमुख ने कहा कि क्वाड नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन) की तरह नहीं होगा.


क्वाड कार्य ढांचे के तहत अपने पहले शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने 12 मार्च को हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में टीके की पहल पर ध्यान केंद्रित किया था. जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि क्वाड किसी खास देश के विरुद्ध ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है.


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