एक्सप्लोरर

Quad Summit: क्वॉड से निकला चीन की नाकेबंदी का नया फॉर्मूला, सुरक्षा से लेकर तकनीक तक का खाका तैयार

Quad Summit: क्वॉड की बैठक जापान की राजधानी टोक्यो में हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित पीएम एंथनी अल्बनीस शामिल हुए.

Quad Summit: जापान (Japan) की राजधानी टोक्यो में क्वॉड (Quad) देशों के प्रमुखों की बैठक चीन की हेकड़ी पस्त करने के नए अष्टकोणीय फ़ॉर्मूले के साथ खत्म हुई. यह फॉर्मूला है चीन (China) की चौतरफा नाकेबंदी का जो दुनिया में कारोबार के नाम पर जो वैश्विक व्यवस्था के नियमों की धज्जियां उड़ाने से भी परहेज नहीं करता. क्वॉड देशों ने तय किया कि अब चीन के कारनामों की निगरानी भी होगी और उसकी ताकत पर चोट भी. 

क्वॉड ने साझा बयान जारी कर अपने इरादों को साफ कर दिया. टोक्यो में हुई अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं की बैठक के बाद छह पन्नों का एक संयुक्त बयान जारी किया. इसमें सुरक्षा की चिंताओं से लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा के इंतजामों और भविष्य की तकनीकों से लेकर, वित्तीय संसाधनों के इंतजामों तक अनेक मुद्दों पर ठोस कोशिशों का खाका पेश किया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित पीएम एंथनी अल्बनीस बैठक के लिए टोक्यो पहुंचे थे. चारों नेताओं के बीच चले मंथन के बाद कहा गया कि क्वॉड देश हिंद-प्रशांत के क्षेत्र में शांति-सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह सभी देश तय करेंगे कि समुद्री परिवहन के लिए बने UNCLOS जैसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन हो. साथ ही पूर्वी तथा दक्षिणी चीन सागर में आवाजाही की आजादी और हवाई क्षेत्र में परिवहन की स्वतंत्रता हासिल हो.

'यथास्थिति बदलने की कोशिश होगी असफल'

इतना ही नहीं क्वॉड देशों ने साफ कर दिया कि जोर जबर्दस्ती के जरिए और एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश अगर कोई करता है कि उसको कड़े विरोध का सामना करना होगा. साथ ही क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने, विवादित जगहों को सैन्य ठिकानों में बदलने व तटरक्षक जहाजों के खतरनाक इस्तेमाल से लेकर समुद्रीय लड़ाकों के इस्तेमाल व अन्य देशों की तटीय गतिविधियों में खलल डालने जैसे पैंतरों का इस्तेमाल होता है तो इसको स्वीकार नहीं किया जाएगा. 

जाहिर तौर पर यह तमाम बातें चीन के लिए ही क्वॉड के साझा बयान में कही गईं थी. क्योंकि चीन जहां पूर्वी लद्दाख के इलाके में मनमाने तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है. वहीं जापान, वियतनाम, मलेशिया से सटे दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर के इलाके में कृत्रिम द्वीप बनाकर उन्हें सैन्य ठिकानों में बदलने की भी कोशिश कर रहा है. साथ ही तकनीक के बाज़ार में चोरी-सेंधमारी के ज़रिए ताक़त हासिल कर मनमानी चलाने में भी जुटा है. क्वॉड देशों ने प्रशांत क्षेत्र के द्वीप देशों के साथ भी साझेदारी मज़बूत करने पर ज़ोर दिया. यानी क्वॉड का कुनबा अब सोलोमन द्वीप जैसे चीन के सैन्य समझौतों का रास्ता भी बंद करना चाहता है.

क्वॉड ने नाम लिए बिना चीन को ही नहीं पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे उसके पिछलग्गू मुल्कों को भी संदेश दिया. चार महाशक्ति देशों ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप का पूरी तरह से परमाणु निरस्त्रीकरण होना चाहिए. क्योंकि उसकी बैलेस्टिक मिसाइलों का लॉन्च और विकास कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के ख़िलाफ़ है. ऐसे में उत्तर कोरिया को उकसावे की कार्रवाई से बचना चाहिए.

पाकिस्तान को संदेश

आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को भी सख़्त हिदायत और फटकार क्वॉड के मंच से दी गई. क्वॉड संयुक्त बयान में जहां दो-टूक आतंकवाद के इस्तेमाल और उसे पनाह देने वालों को संदेश दिया गया. वहीं 26/11 मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले की एक सुर में निंदा करते हुए सीमापार आतंकवाद के ख़िलाफ़ मिलकर कार्रवाई का भी संदेश भी दिया. इतना ही नहीं क्वॉड देशों ने यूएन आतंकी लिस्ट में शामिल आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का भी संकल्प जताया. 

मेरिटाइम डोमेन अवेयरनेस
हिंद-प्रशांत के इलाक़े में मानवीय आपदाओं से लेकर अवैध मछली पकड़ने के गोरखधंधे की निगरानी के लिए भी क्षेत्रीय सहयोग का नया ढांचा आईपीएमडीए क्वॉड ने तैयार किया है. इसके लिए क्वॉड के देकर क्षेत्रीय देशों और उनके क्षेत्रीय केंद्रों के साथ सहयोग करेंगे. साथ ही प्रशांत क्षेत्र के द्वीप देशों को तकनीक और ट्रेनिंग सपोर्ट भी देंगे. इस प्रयास का सीधा अर्थ होगा कि दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर ही नहीं पूरे दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में निगरानी और निगहबानी का दायरा मज़बूत होगा. मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस में जहाज़ों की आवाजाही से लेकर चीन की कृत्रिम द्वीप बनाने की करतूतों पर भी निगरानी और मज़बूत हो सकेगी.

स्वास्थ्य सुरक्षा
चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस से हलकान दुनिया कोविड-19 महामारी से उबरने की कोशिश कर रही है. वहीं इस महामारी के दौरान मेडिकल सामान से लेकर दवाओं की आपूर्ति में आए ख़लल ने स्वास्थ्य सुरक्षा की चुनौतियां भी उभार दिया है. ऐसे में क्वॉड देशों ने जहां कोरोना टीकों के लिए अब तक 5.2 अरब डॉलर देने के संकल्प के साथ 67 करोड़ टीकों की आपूर्ति की है. इस कड़ी में भारत में बनने वाले जॉन्सन एंड जॉन्सन के टीकों के लिए जल्द WHO इमरजेंसी यूज लाइसेंस लेने की भी तैयारी है.ताकि इनकी व्यापक आपूर्ति का रास्ता साफ़ होगा. 

इतना ही नहीं, वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिए भी क्वॉड का कुनबा पीपीआर की रणनीति यानी पैन्डेमिक प्रिवेंशन, प्रिरेयर्डनेस, रिस्पांस पर भी आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है. इस कड़ी में क्वॉड देश भावी संक्रामक रोगों का जल्द पता लगाने और महामारी के रोकथाम के भी इंतज़ाम करेंगे. 

ढांचागत निर्माण
हिंद प्रशांत के इलाक़े में वित्तीय कमियों को पूरा करने के लिए क्वॉड ढांचागत निर्माण क्षेत्र में अगले 5 साल के दौरान 50 अरब डॉलर आर्थिक सहायता मुहैया कराएंगे. इसके अलावा चीनी क़र्ज़ के फंदे को काटने और वैकल्पिक वित्तीय व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए क्वॉड डेट मेनेजमेंट रिसोर्स पोर्टल भी शुरू किया जाएगा. इस कड़ी में चारों देशों की विकास परियोजनाओं के लिए पैसा मुहैया कराने वाली एजेंसियों की भी बैठक बुलाई जाएगी. क्लीन एनर्जी, डिजिटल कनेक्टिविटी, आपदारोधी निर्माण आदि के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जाएगी. 

जलवायु परिवर्तन
क्वॉड देशों ने क्लाइमेट चेंज एडॉशन एंड मिटिगेशन पैकेज भी शुरू किया है. इसके तहत ग्रीन शिपिंग गलियारों का ढांचा तैयार किया जाना है. साथ ही हर क्वॉड देश में खास बंदरगाहों को भी विकसित किया जाएगा. इन बंदरगाहों की श्रृंखला के ज़रिए क्लीन एनर्जी सप्लाई चेन बनाई जाएगी. वहीं क्लीन ईंधन के तौर पर अमोनिया के इस्तेमाल व कार्बन रिसायकलिंग को भी बढ़ावा दिया जाना है. इसके ज़रिए क्वॉड देशों को ही नहीं बल्कि हिंद-प्रशांत के अन्य देशों को भी ईंधन की वैकल्पिक सप्लाई का नेटवर्क मिल सकेगा.

साइबर सिक्योरिटी
क्वॉड देशों ने साफ़ कर दिया कि साइबर सुरक्षा के लिए साझा कदम उठाने की ज़रूरत है. साइबर सुरक्षा के लिए क्वॉड देश सूचनाओं की साझेदारी, ख़तरों की पहचान व पड़ताल में सहयोग करने के साथ ही सॉफ्टवेयर ख़रीद के मानक भी तय करेंगे. सरकारों के स्तर पर सॉफ्टवेयर ख़रीद के लिए बेसलाइन सुरक्षा पैमाने भी बनाएंगे. स्वाभाविक तौर पर यह कदम चीन की साइबर सेंधमारी और सस्ते उपकरणों के बहाने घुसपैठ की कोशिशों के लिए फ़ायरवॉल बनाने की कोशिश साबित होगा. 

क्रिटिकल और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी
सुरक्षा और समृद्धि के लिए नई तकनीक बेहद ज़रूरी है. ऐसे में 5G और उससे आगे की दूरसंचार तकनीकों पर भी क्वॉड देश साझेदारी करेंगे. इस कड़ी में आपस में इंटर ऑपरेबिलिटी और सुरक्षा के लिए आपस में एक सप्लायर समझौता करेंगे. ताकि इस क्षेत्र में काम करने वाले आपूर्तिकर्ताओं को भी तौला जाएगा. ज़ाहिर है इसमें चीन की हुआवी और जेडटीई जैसी कंपनियों के लिए जगह पाना बहुत मुश्किल होगा. 

इतना ही नहीं सेमिकंडक्टर सप्लाई चेन में सामने आई क़िल्लत और कमियों के लिए भी दवाई तलाशने की तैयारी क्वॉड ने मुकम्मल की है. क्वॉड ने क्रिटिकल तकनीकों की आपूर्ति के लिए भी एक विशिष्ट वार्ता प्रक्रिया शुरू की है जिसके तहत क्वॉड देश आपसी साझेदारी को बढ़ाएंगे. 

अंतरिक्ष पर साझेदारी
चीन (China) के दुस्साहसी हौसलों की नाकेबंदी के लिए क्वॉड का कुनबा ज़मीन और पानी में ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष में भी सहयोग बढ़ाने का खाका बना चुका है. इसके लिए क्वॉड सैटेलाइट डेटा पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिसके ज़रिए अर्थ आब्जर्वेशन आधारित डेटा को उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए अमेरिका-भारत-जापान और ऑस्ट्रेलिया के स्पेस डेटा सें ही अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल की यूएन व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करते हुए साझेदारी का एक तंत्र बनाएंगे जिससे अन्य देश भी जुड़ सकेंगे.

Video: टोक्यो में Quad की बैठक के बीच जापानी एयरस्पेस के नजदीक से गुजरे चीन और रूस के फाइटर जेट्स

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget