नई दिल्ली: हजारों करोड़ रुपयों के घोटाले के आरोपी वधावन बंधुओं का क्वॉरंटाइन पीरियड आज सतारा में खत्म हो रहा है. सतारा प्रशासन ने सीबीआई और ईडी दोनों को लिखित में जानकारी दी है कि अब दोनों एजेंसियां आगे की कार्रवाई करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए अपनी कस्टडी में ले सकती हैं. ऐसे में अगर जांच एजेंसियों ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो एक बार फिर वधावन बंधु जांच एजेंसियों के हाथ से निकल सकते हैं.


यस बैंक मामले में आरोपी वधावन बंधु कपिल वधावन और धीरज वधावन की तलाश सीबीआई और ईडी दोनों को थी. इनमें सीबीआई ने इन दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी कराया था और उसके बाद सीबीआई का कहना था कि वधावन बंधु उन्हें मिल नहीं रहे हैं. जबकि वधावन बंधु ईडी के एक केस में जमानत पर थे और ईडी यस बैंक मामले में उनसे पूछताछ करना चाहता था.


वधावन बंधु अपने परिवार समेत 23 लोगों के साथ 9 अप्रैल को महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्वर में पकड़े गए थे. इन लोगों के पास महाराष्ट्र के अतिरिक्त गृह सचिव अमिताभ गुप्ता का एकवीआईपी पत्र भी था जिसमें प्रशासन से इन लोगों को पूरी तरह से सहयोग करने को कहा गया था. इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की काफी किरकिरी हुईं और अमिताभ गुप्ता को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था.


इसके बाद सीबीआई और ईडी दोनों ने सतारा प्रशासन को पत्र लिखकर कहा था कि वधावन बंधुओं को छोड़ने के पहले जांच एजेंसियों को बता दिया जाए. जिससे जांच एजेसियां अपनी कार्रवाई कर सकें. जानकारी के मुताबिक17 अप्रैल को एसपी सतारा की तरफ से ईडी मुंबई के सहायक निदेशक और सीबीआई के डीआईजी दिल्ली को एक पत्र भेजा गया. जिसमें मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि वधावन बंधुओं का क्वाॉरंटीन पीरियड 22 अप्रैल को खत्म हो रहा है. ऐसे में ये एजेंसियां अपनी आगे की कार्रवाई कर सकती हैं.


सूत्रों का कहना है कि 14 दिनों के क्वॉरेंटाइन पीरियड के बाद सतारा प्रशासन उन्हें अधिकारिक तौर पर अपनी कस्टडी में नहीं रख सकता. ऐसे में जांच एजेंसियों को तत्काल निर्णय लेना होगा और उनसे पूछताछ या गिरफ्तारी करनी होगी. सूत्रों का कहना है कि ईडी इस मामले में पहल कर सकता है और क्वॉरंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद इन दोनों को पूछताछ के लिए बुला सकता है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक अभी तक इनकी गिरफ्तारी पर कोई फैसला नहीं किया गया है.


सूत्रों का यह भी कहना है कि अगर अब जांच एजेंसियों को निर्णय लेने में देरी हुई तो वधावन बंधु एक बार फिर हाथ से निकल सकते हैं. साथ ही सीबीआई और ईडी दोनों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा कि उनकी जानकारी में आने के बाद भी आखिर दोनों हाथ से कैसे निकल गए. माना जा रहा है कि दोनों जांच एजेंसियों का प्रशासन जल्द ही इस मामले में बड़ा निर्णय ले सकता है.


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