किसी को लाठी किसी को लेटर, महाराष्ट्र पुलिस के दोहरे रवैये पर सवाल
महाराष्ट्र पुलिस के दोहरे रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं.लॉकडाउन के दौरान वाधवन बंधु के पर्यटन स्थल घूमने को लेकर ये सवाल उठ रहे हैं.
मुंबई: तमाम घोटालों में फंसे वाधवन बंधुओं को परिवार और कर्मचारियों समेत पांच कारों में एक साथ पर्यटन स्थल महाबलेश्वर जाने की इजाजत वाला खत महाराष्ट्र सरकार की फजीहत का कारण बन गया है. सरकार ने इस खत को जारी करने वाले आई.पी.एस अफसर अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेज दिया है और मामले की जांच के आदेश दिये हैं.
एक तरफ जहां बीजेपी आरोप लगा रही है कि अधिकारी ने ये खत सरकार में बैठे लोगों के कहने पर दिया तो दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता संजय निरूपम का कहना है कि पत्र देने वाला अधिकारी और वाधवन परिवार बीजेपी नेताओं का भी करीबी रहा है. इस बात की भी जांच होनी चाहिये कि क्या वो खत किसी बीजेपी नेता के कहने पर दिया गया.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अब से करीब 15 दिने पहले एबीपी न्यूज के स्टूडियो में आकर राज्य के तमाम पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया था कि लॉकडाउन तोड़ने वालों से निपटने के लिये पुलिस वाले अपनी लाठियों को तेल पिला लें. ऐसे लोगों के साथ सख्ती बरती जाये.
इसका असर ये हुआ कि राज्यभर में लॉकडाउन के दौरान बाहर निकलने वाले लोगों के पुलिस ने कठोर रवैया अपनाया. जो भी सडक पर दिखा उसे पीटा गया. पुलिस की सख्ती के शिकार ऐसे लोग भी हो गये जो कि किसी विवशता में घर से निकले थे.
एक ओर जहां आम लोग पुलिस की लाठी के डर से घर में बैठे थे, तो वहीं दूसरी ओर रसूखदार वाधवन बंधु अपने परिवार और कर्मचारियों के साथ एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल की सैर कर रहे थे. मुंबई से पहले ये लोग खंडाला गये और फिर खंडाला से महाबलेश्वर. इस परिवार की मस्ती का आधार था महाराष्ट्र के आई.पी.एस अधिकारी अमिताभ गुप्ता का लिखा पत्र जो कि गृहमंत्रालय मे विशेष प्रधान सचिव के तौर पर तैनात हैं.
अमिताभ गुप्ता में अपने पत्र में पांच गाडियों के रजिस्ट्रेशन नंबर और वाधवन बंधुओं के परिजन और कर्मचारी मिलाकर 23 लोगों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत देने वाले पत्र ये लिखते हुए जारी किया कि ये लोग उनके पारिवारिक मित्र हैं, उनसे परिचित हैं और घर में आई किसी इमरजेंसी के कारण उन्हें सफर करना पड़ रहा है.
महाबलेश्वर में स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने इन सभी लोगों को लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया और उनपर मामला दर्ज कर लिया. बीजेपी ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है. बीजेपी की ओर से आरोप लगाया कि सरकार में बैठे नेताओं के कहने पर आई.पी.एस अफसर गुप्ता ने इस तरह का खत वाधवन परिवार को दिया.
इस पर कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने उलटा बीजेपी पर आरोप लगाते हुए एबीपी न्यूज से कहा कि वाधवन परिवार के और अधिकारी गुप्ता दोनों के अच्छे संबंध बीजेपी के नेताओं के साथ रहे हैं और इस बात की जांच होनी चाहिये कि कहीं गुप्ता ने ये खत किसी बीजेपी नेता के कहने पर तो नहीं दिया.
बहरहाल गुप्ता को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है. एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है जिसके बाद गुप्ता के खिलाफ अगली कार्रवाई निर्धारित की जायेगी.
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