एक्सप्लोरर

Raaj Ki Baat: तालिबान क्यों भारत से करना चाहता है औपचारिक वार्ता, जानें- अंदरखाने की बात

Raaj Ki Baat: भारत तालिबान से पहली बार खुलकर बातचीत के लिए राजी क्यों हुआ, ये राज की बात हम आपको बताएं, उससे पहले अफगानिस्तान क्यों भारत से बातचीत को बेचैन है, ये समझना जरूरी है.

Raaj Ki Baat: कतर में तालिबान से बातचीत का फैसला वास्तव में भारत सरकार के लिए राजधर्म संकट था. तालिबान की तरफ से बातचीत की बेताबी को औपचारिक जामा पहनाने का फैसला लेने के पीछे क्या थी वजह, राज की बात में हम आपको आगे बताएंगे. बात आगे बढ़ाऊं उससे पहले ये जानना जरूरी है कि भारत की चिंताएं अपने लोगों की सुरक्षा से लेकर सीमा सुरक्षा तक है. लेकिन, वास्तव में अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार की चाहतें हमसे बहुत ज्यादा है.

सबसे पहले एक और राज की बात बता दें कि दोहा में भारतीय राजनयिक दीपक मित्तल की तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई से मुलाकात में कतर ने भी अहम मध्यस्थ की भूमिका निभाई. दरअसल, भारत की तो अपनी चिंताएं हैं, इसलिए शस्त्र के बल सत्ता पर काबिज होने वालों से वह बातचीत कर रहा है. मगर अफगानिस्तान की जरूरत बहुत बड़ी है. भारत तालिबान से पहली बार खुलकर बातचीत के लिए राजी क्यों हुआ, ये राज की बात हम आपको बताएं, उससे पहले अफगानिस्तान क्यों भारत से बातचीत को बेचैन है, ये समझना जरूरी है.

दरअसल, अफगानिस्तान में समेकित या सभी धड़ों को मिलाकर सरकार बनाने में भी भारतीय प्रभाव की उनको जरूरत है. यह जानना भी जरूरी है कि अफगानिस्तान से जो लोग पलायन करते हैं, उनमें से ताजिक और उजबेक ही भारत में ज्यादा आते हैं. जबकि पश्तूनों की पसंदीदा जगह पाकिस्तान होती है. पंजशीर घाटी में ताजिक नेतृत्व अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद हैं, जिन्होंने तालिबान को नाकों चने चबवा रखे हैं. तालिबानियों की चाहत भारत से ये भी थी किसी भी तरह वह अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल कर उन्हें भी सरकार में शामिल करने या सहयोग के लिए मनाए.

तालिबान सरकार की घोषणा भले कर चुका हो, लेकिन ऐसी स्थिति में सरकार चलाना और दुनिया की नजरों में चढ़ने के लिए भारत उसकी मजबूरी है. भले ही चीन या पाकिस्तान कितना भी उसकी पीठ थपथपायें, लेकिन तालिबान के लिए दुनिया के नक्शे में अपनी नई छवि के साथ आने के लिए भारत के रसूख और उसके जो प्राचीन और आधुनिक संबंध और सरोकार रहे हैं अफगानिस्तान के साथ में, उसकी ताकत वह जानता है. इसीलिए, तालिबान किसी भी कीमत पर भारत से दोस्ती के साथ-साथ समर्थन के लिए आतुर है.

अब जरा भारतीय परिप्रेक्ष्य में बात करें तो दोहा में तालिबान प्रतिनिधि से भारतीय अधिकारी की बातचीत पर तमाम सवाल, उत्सुकता और बहुत सारी चिंताएं भी हैं. आखिर भारत किसी भी तरह की औपचारिक चर्चा के लिए कैसे तैयार हुआ, यह राज जानना जरूरी है. अफगानिस्तान के नए तालिबानी मुखिया अब्दुल गनी बरादर और जैश ए मोहम्मद के दुर्दांत प्रमुख अजहर मसूद के बीच संबंध दुनिया को पता हैं. भारत की चिंता सिर्फ इस बात को लेकर ज्यादा है कि अफगानिस्तान में उसके अपने लोगों के साथ कुछ गलत न हो और उस धरती का उपयोग भारत विरोधी आतंकी गतिविधयों के लिए न हो.

जाहिर है कि दोहा की मुलाकात तय करने से पहले यह राजधर्म संकट ही था. मौजूदा परिस्थति में भारत के सामने यही राजधर्म था कि अपने हितों की और अपने लोगों की रक्षा करे. राज की बात ये है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव समेत तमाम राजनयिक तालिबान के रुख को देखते हुए उसके साथ औपचारिक वार्ता को लेकर संशय में थे. राज की बात ये है कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री व सचिव की इस मुद्दे पर मंत्रणा हुई.

इस बैठक में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए बातचीत को औपचारिक शक्ल देने का निर्णय हुआ. इस बैठक में अमित शाह का रुख बेहद स्पष्ट था, जिस पर पीएम ने मुहर लगाई. तालिबान के साथ कैसे आगे बढ़ा जाए, इसको लेकर राजधर्म संकट का एक लाइन में निपटारा हुआ कि सबसे पहले अपने लोगों की सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा को तरजीह देनी होगी. तालिबान से पूरी तरह संवाद खत्म किया जा सकता है, लेकिन इससे अपना हित नहीं साधा जा सकता. फिर बार-बार तालिबान ही बातचीत के लिए आतुर है, ऐसे में भारत मुट्ठी बंद भले रखे, लेकिन पूरी तरह से कटआफ करना उचित नहीं होगा.

यहां ये समझना जरूरी है कि फिलहाल जिस तरह से अमेरिका काबुल से निकला है और तालिबान के साथ वह बातचीत कर रहा है, उसके बाद अपने हितों के मद्देनजर पूरी तरह से खुद को अलग करना कूटनीति और सुरक्षा के मोर्चे पर आत्मघाती हो सकता है. यद्यपि, तालिबान को मान्यता देने का प्रश्न नहीं लेकिन बातचीत के रास्ते खुले रखे जाएंगे. तालिबान वहां पर भारत जो परियोजनाएं चला रहा था,, उन्हें भी पूरा करने के लिए साथ मांग रहा है, लेकिन अभी इस पर फैसले में जल्दबाजी नहीं होगी. सरकार कैसी बनी और कैसे चली, यह देख जाएगा. साथ ही राज की बात ये भी कि भारत फिलहाल –गुड टेररिस्ट और बैड टेररिस्ट- की बहस में भी नहीं पड़ेगा. मतलब तेल और तेल की धार देखकर बस अपने हित और मानवीय मूल्यों के मद्देजनर अपने फैसले लेगा.

Raaj Ki Baat: भारत अफगानियों को शरण देगा तो क्या शरणार्थी का दर्जा भी मिलेगा?

और देखें
Advertisement
Advertisement
Mon Feb 24, 11:42 am
नई दिल्ली
26.8°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 29%   हवा: WNW 12.8 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'जब तक नहीं आती चुनी हुई सरकार, तब तक...', बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने खाई बड़ी कसम
'जब तक नहीं आती चुनी हुई सरकार, तब तक...', बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने खाई बड़ी कसम
CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की AAP, अब किसकी लगाई?
CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की AAP, अब किसकी लगाई?
रेड ड्रेस में हसीन लगीं अदिति, व्हाइट साड़ी में दिखा त्रिधा का किलर लुक, देखें 'आश्रम 3' के स्टार कास्ट की शानदार तस्वीरें
रेड ड्रेस में हसीन लगीं अदिति, साड़ी में त्रिधा का किलर लुक, देखें तस्वीरें
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में VIP दर्शन पर रोक, जानें आरती का समय और गाइडलाइंस
महाशिवरात्रि से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में VIP दर्शन पर रोक, जानें आरती का समय और गाइडलाइंस
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Air Pollution से आपकी Sperm Quality ख़राब हो रही है? | Sperm | Health LiveDelhi Assembly Session: Vijender Gupta बने दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष |Assembly Session Speaker |ABP NEWSTop News: 4 बजे की बड़ी खबरें | IND vs PAK Champions Trophy | Delhi Assembly Session | Hindi News  | ABP NEWSCongress Protest in Rajasthan Assembly: विधानसभा के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'जब तक नहीं आती चुनी हुई सरकार, तब तक...', बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने खाई बड़ी कसम
'जब तक नहीं आती चुनी हुई सरकार, तब तक...', बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने खाई बड़ी कसम
CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की AAP, अब किसकी लगाई?
CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की AAP, अब किसकी लगाई?
रेड ड्रेस में हसीन लगीं अदिति, व्हाइट साड़ी में दिखा त्रिधा का किलर लुक, देखें 'आश्रम 3' के स्टार कास्ट की शानदार तस्वीरें
रेड ड्रेस में हसीन लगीं अदिति, साड़ी में त्रिधा का किलर लुक, देखें तस्वीरें
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में VIP दर्शन पर रोक, जानें आरती का समय और गाइडलाइंस
महाशिवरात्रि से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में VIP दर्शन पर रोक, जानें आरती का समय और गाइडलाइंस
Watch: बिना मैच खेले छा गए अभिषेक शर्मा, पाकिस्तानी दिग्गज वसीम अकरम ने ऐसे पुचकारा; वीडियो वायरल
बिना मैच खेले छा गए अभिषेक शर्मा, पाकिस्तानी दिग्गज वसीम अकरम ने ऐसे पुचकारा
हज यात्रा करना होगा और भी महंगा! भारत सरकार ने बदली पॉलिसी, जानें जेब पर बढ़ेगा कितना बोझ
हज यात्रा करना होगा और भी महंगा! भारत सरकार ने बदली पॉलिसी, जानें जेब पर बढ़ेगा कितना बोझ
NASA Internships 2025: NASA के इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जानिए कैसे कर सकेंगे अप्लाई
NASA के इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जानिए कैसे कर सकेंगे अप्लाई
PM Kisan Nidhi: करोड़ों किसानों के खाते में आई पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त, तुरंत ऐसे करें चेक
करोड़ों किसानों के खाते में आई पीएम किसान योजना की किस्त, तुरंत ऐसे करें चेक
Embed widget