पटना/भागलपुर: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने गुरुवार को 870.88 करोड़ रुपये के कथित भागलपुर एनजीओ घोटाले मामले के छह आरोपियों को मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले के तर्ज पर जहर देकर इंजेक्शन देकर मारने का आरोप लगाया. विधान परिषद के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए राबड़ी देवी ने पूछा कि सृजन घोटाला मामले में आरोपी रहे छह लोगों की कैसे मौत हो गयी...उन्हें जहर का इंजेक्शन देकर मार दिया गया.


मौत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार: राबड़ी देवी


राबड़ी देवी ने इन लोगों की मौत के लिए प्रदेश की नीतीश कुमार की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे व्यापमं घोटला से जुडे़ कई लोगों की रहस्यमय ढंग से मौत की तरह बताया. सृजन घोटाले की जांच की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की की मांग कर रहे आरजेडी के सदस्यों के हंगामे की वजह से गुरुवार को तीसरे दिन भी बिहार विधान परिषद की कार्यवाही बाधित हुई.


इस्तीफा दें नीतीश कुमार और सुशील मोदी: आरजेडी


आरजेडी मांग कर रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपने अपने पद से इस्तीफा देंगे. राबड़ी ने नीतीश पर कड़ा प्रहार करते हुए उनसे पूछा कि जब सृजन घोटाले के आरोपियों की हत्या की जा रही है तब ऐसे में उनकी अंतरात्मा की आवाज को क्या हुआ.


सुशील मोदी का पलटवार


वहीं सुशील मोदी ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले को बीते 21 अगस्त को ही अपने हाथ में ले लिया है. इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक महेश मंडल की कुछ दिनों पहले ही मौत पर आरजेडी प्रमुख की ओर से सवाल किए जाने के बारे में सुशील ने भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का एक पत्र दिखाते हुए कहा कि उसकी मौत दोनों गुर्दा के फेल होने की वजह से अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी.


मरने वाले छह लोगों के नाम बताएं राबड़ी: जेडीयू


वहीं जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राबड़ी से सृजन घोटाला मामले के मरने वाले छह आरोपियों के नाम बताने को कहा. बिहार विधान परिषद सदस्य नीरज ने लालू के राज्य सरकार पर इससे जुडे़ साक्ष्य को ​मिटाने के आरोप को बेबुनियाद बताया.


इस बीच, भागलपुर से मिली जानकारी के मुताबिक सृजन घोटाले के फरार आरोपी अपर समाहर्ता सह पूर्व भूअर्जन अधिकारी राजीव रंजन सिंह, सृजन की सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार के खिलाफ चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट टी यादव ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.


इस मामले जांचकर्ता पुलिस निरीक्षक आरए यादव ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट फरार इन तीनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए अर्जी दी थी जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी वारंट का आदेश दिया है. एसएसपी मनोज कुमार ने वारंट जारी होने के बाद दो अलग अलग टीमों का गठन कर छापेमारी के लिए पटना और राज्य के बाहर भेजा है.