दिल्ली पुलिस आयुक्त पद की दौड़ शुरू हो गई है और इस बाबत 1986 से 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में से किसी एक को दिल्ली का नया कमिश्नर लगाया जाएगा. इस बीच, दिल्ली पुलिस में वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यकाल में बड़ा फेरबदल किया गया है. इसके तहत कई जोन के संयुक्त आयुक्तों का कार्यभार बदल दिया गया है.
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में तैनात ब्रजकिशोर सिंह को पश्चिमी जोन दिल्ली का नया संयुक्त आयुक्त बनाया गया है. जबकि पूर्वी जोन में तैनात संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार को वहां से हटाकर अपराध शाखा का संयुक्त आयुक्त बनाया गया है. पश्चिमी जोन की संयुक्त आयुक्त शालिनी सिंह को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में संयुक्त आयुक्त पद पर भेजा गया है. साथ ही उनके पास पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजेंद्र नगर के संयुक्त आयुक्त का कार्यभार भी रहेगा. दिल्ली पुलिस की स्पेशल शाखा में तैनात सागर प्रीत हुड्डा को पूर्वी जोन का नया संयुक्त आयुक्त बनाया गया है.
ध्यान रहे कि दिल्ली पुलिस आयुक्त सच्चिदानंद श्रीवास्तव इसी महीने की 30 तारीख को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस आयुक्त के लिए दौड़ अब शुरू हो गई है और अब तक की जानकारी के मुताबिक 1986 से 1988 बैच के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में से किसी एक को दिल्ली पुलिस का नया आयुक्त बनाया जाएगा.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की लिस्ट पर नजर डालें तो दिल्ली पुलिस में इस समय 1986 बैच का कोई अधिकारी तैनात नहीं है. 1987 बैच के सत्येंद्र गर्ग इस समय अंडमान निकोबार में डीजीपी के पद पर तैनात हैं. जबकि 1987 बैच के ही ताज हसन इस समय दिल्ली पुलिस में यातायात प्रभाग के विशेष आयुक्त हैं. इसके अलावा 1988 बैच के सबसे वरिष्ठ अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस में सतर्कता शाखा के विशेष आयुक्त हैं जबकि शशि भूषण कुमार सिंह नॉर्थ ईस्टर्न में डीजीपी के पद पर तैनात हैं.
ध्यान रहे कि जम्मू कश्मीर काडर के भी एजीएमयूटी काडर में विलय के बाद यह भी चर्चा है कि इस बार दिल्ली पुलिस आयुक्त की दौड़ में जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय को करना है क्योंकि दिल्ली में पुलिस आयुक्त के पद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ही पुलिस कमिश्नर की तैनाती करता है. अब देखना यह होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी नए कमिश्नर की तैनाती करता है या फिर वर्तमान कमिश्नर का ही कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ा देता है. हालांकि इसकी संभावना बेहद कम बताई जा रही है.