एयर स्ट्राइक में जैश ए मोहम्मद के मदरसे की 4 इमारतें हुई थी तबाह, सरकार के पास है तस्वीरें
एयर स्ट्राइक: एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के बालाकोट में वायुसेना के एयर स्ट्राइक में जैश का मदरसा तालीम-उल-कुरान के चार मकान तबाह हुए.
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिनों बाद 26 फरवरी की सुबह को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया. वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद कई इंटरनेशनल मीडिया नुकसान के दावों पर रिपोर्ट की है. इस बीच रडार के माध्यम से आई तस्वीरों में साफ-साफ दिख रहा है कि वायुसेना की कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद का चार मदरसा बुरी तरह तबाह हो गया था. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि वायुसेना के एयर स्ट्राइक में जैश का मदरसा तालीम-उल-कुरान के चार मकान तबाह हुए. सूत्रों ने कहा, रडार से ली गई तस्वीर में दिख रहा है कि मिराज-2000 से हमले में चार इमारतों को नुकसान हुआ. ध्यान रहे कि पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई की पुष्टि तो की है लेकिन इस बात से इनकार किया है कि बालाकोट में कोई आतंकी कैंप था और वहां नुकसान पहुंचा है.
अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ''एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने मदरसे को क्यों सील किया? मदरसे का मुआयना करने पत्रकारों को तुरंत जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? हमारे पास रडार से ली गई तस्वीर है, जिससे पता चलता है कि मदरसा को गेस्ट हाउस की तरह भी इस्तेमाल किया जाता था और यहां मौलाना मसूद अजहर (जैश चीफ) का भाई रहता था. एक L शेप के मकान में आतंकी ट्रेनर रहते थे. एक दो मंजिला मकान में छात्रों को रखा जाता था. अन्य मकान में ट्रेनिंग पाए आतंकियों को रखा जाता था. जिसे बम से उड़ा दिया गया.''
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उन्होंने तस्वीरों को जारी करने को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से सरकार का फैसला होगा. ये तस्वीरें सैटेलाइट तस्वीरें की तरह साफ नहीं हैं, क्योंकि उस दिन घने बादल थे. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन को इस तरह अंजाम दिया गया जिससे कि आम नागरिकों को किसी तरह का नुकसान न हो. वायुसेना को एकदम सटीक जानकारी थी.
आपको बता दें कि पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने जवाबी कार्रवाई का फैसला किया तब से बालाकोट भारतीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था, जो जेईएम का ठिकाना है. पुलवामा हमले की साजिश बालाकोट आतंकी शिविर में ही बनाई गई थी.
बालाकोट नियंत्रण रेखा से काफी दूर है, जो आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए एक सुरक्षित स्थान है. और तो और नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर कार्रवाई करने वाले पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) को भी बालाकोट में प्रशिक्षण दिया जाता है.
विदेश सचिव विजय. के. गोखले ने मंगलवार को कहा था, "इस अभियान में बड़ी संख्या में जेईएम आतंकी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और फिदायीन हमले के लिए प्रशिक्षण ले रहे जिहादी समूह मारे गए हैं."