नई दिल्लीः रफाल की मिसाइल की ताकत को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने अब उन्हीं मिसाइलों को अपने दूसरे फाइटर जेट्स के साथ इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है. मिराज2000 लड़ाकू विमान के लिए वायुसेना ने मिसाइल बनाने वाली यूरोप की बड़ी कंपनी, एमबीडीए से मिका मिसाइल का करार किया है. इसके अलावा जगुआर फाइटर जेट्स के लिए एमबीडीए से 'एसराम' एयर टू एयर मिसाइल और कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स के लिए मिस्ट्रेल मिसाइल भी एचएएल खरीद रहा है. एयरो-इंडिया शो के दौरान एमबीडीए इन सभी मिसाइलों को अपने पैवेलियन पर शो-केस कर रही है.
गौरतलब है कि रफाल लड़ाकू विमान को अगर कोई गेम-चेंजर बनाता है तो वो हैं उसकी मिसाइल और वैपेनरी सिस्टम. रफाल की वियोंड विजुयल रेंज (वीबीआर) मिसाइल, मेटयोर हो या फिर डीप-पैनेट्रिशेन मिसाइल, स्कैल्प या फिर साइलेंट-किलर के नाम से विख्यात, मिका मिसाइल, सभी एमबीडीए ने फ्रांसीसी कंपनी दसॉ (दसॉल्ट) को मुहैया कराई हैं.
एमबीडीए की इन मिसाइलों की क्षमता को देखते हुए ही वायुसेना ने यूरोपीय कंपनी से अपग्रेडेड मिराज-2000 फाइटर जेट्स के लिए रफाल वाली मिका मिसाइल का सौदा किया है. डॉग-फाइट के दौरान क्लोज-बैटल मिसाइल के तौर पर काम करने वाली मिका मिसाइल को पैसिव-मोड में बीवीआर यानि वियोंड विजुयल रेंज मिसाइल के तौर पर काम कर सकती है.
इसके अलावा वायुसेना ने जगुआर फ्लीट के लिए भी एमबीडीए से एडवांस शॉर्ट रेंज एयर टू एयर मिसाइल (एसराम) का ऑर्डर दिया है. इस तरह की मिसाइल डॉग-फाईट्स के लिए इस्तेमाल की जाती हैं.
हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भी अपने लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, एलसीएच के लिए एमबीडीए से मिस्ट्रल एयर टू एयर मिसाइल का सौदा किया है. जल्द ही वायुसेना इन एलसीएच हेलीकॉप्टर्स के लिए एचएएल से सौदा करने जा रही है.
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