नई दिल्लीः राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर मचे राजनीतिक विवाद के बीच फ्रांस के तीन (03) राफेल लड़ाकू विमान इन दिनों भारतीय वायुसेना के ग्वालियर बेस पर पहुंचे हैं. ये तीनों फाइटर जेट फ्रांस के उस बेड़े का हिस्सा है जो हाल ही में आस्ट्रेलिया में संपन्न हुई 'पिच ब्लैक' एक्सरसाइज का हिस्सा है जिसमें भारतीय वायुसेना ने भी शिरकत की थी.


जानकारी के मुताबिक, फ्रांस के तीन राफेल लड़ाकू विमानों सहित एक एटलस-400एम मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एक सी-135 रिफ्यूलर विमान और एक एयरबस कार्गो विमान ने आस्ट्रेलिया से लौटते हुए शनिवार को ग्वालियर एयर बेस पर स्टॉप किया. यहां पर फ्रांस का ये बेड़ा तीन दिनों तक रहेगा. माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों की वायुसेना साथ में उड़ान भरेंगी. ग्वालियर एयरबेस पर भारत के मिराज-2000एच लड़ाकू विमानों की स्कावड्रन तैनात है.



फोटो क्रेडिट/रॉयल ऑस्ट्रेलिया वायुसेना

हाल ही में हुई पिच ब्लैक एक्सरसाइज के दौरान भारतीय वायुसेना के पायलट्स ने भी फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी थी, जिसकी तस्वीरें आस्ट्रेलियाई वायुसेना ने जारी की थीं. फ्रांस का ये जंगी बेडा 'पिच ब्लैक' एक्सरसाइज के साथ साथ एशिया-पैसेफिक रीजन में 'पिगेस' नाम के युद्धाभ्यास में भी हिस्सा ले रहा है.


आपको बता दें कि मिराज लड़ाकू विमान भी भारत ने 80 के दशक में फ्रांस से खरीदे थे. मिराज विमानों का निमार्ण भी राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट ने किया था.



फोटो क्रेडिट/रॉयल ऑस्ट्रेलिया वायुसेना

गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस से जिन 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया है उसकी पहली खेप सितंबर 2019 तक आनी है. भारतीय वायुसेना के अबांला स्थित एयरबेस पर राफेल की पहली स्कॉवड्रन तैनात की जायेगी. इस स्कावड्रन को गोल्डन एरो नाम दिया गया है. दूसरी स्कावड्रन सिकिक्म के करीब उत्तरी बंगाल के हाशिमारा में तैनात की जायेगी.



फोटो क्रेडिट/रॉयल ऑस्ट्रेलिया वायुसेना

हालांकि ग्वालियर एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों का भारत में आना पहली बार नहीं हुआ है. वर्ष 2015 में बेंगलुरू में हुए एयरो-शो में भी राफेल लड़ाकू विमानों ने शिरकत थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एयर-मैन्युवेरेलिटी का प्रदर्शन किया था.