नई दिल्ली: लोकसभा में राफेल पर बुधवार को मचे घमासान के बाद आज एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा होगी. कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में रहने को कहा है, कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को सदन के बाहर भी छोड़ने के मूड में नहीं है. राफेल मुद्दे पर कल संसद में जमकर संग्राम हुआ, राहुल गांधी ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस को राफेल डील में ऑफसेट पार्टनर बनाने पर सवाल खड़े किए. दूसरी ओर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राहुल के AA (अनिल अंबानी) का जवाब Q (क्वात्रोची) से दिया और बोफोर्स घोटाले वाले क्वात्रोकी से गांधी परिवार के संबंध पर पलटवार किया. राफेल पर पूरी चर्चा के दौरान विपक्ष लगातार जेपीसी जांच की मांग दोहराता रहा लेकिन सरकार की ओर से इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया गया.
राफेल विवाद से जुड़ी अब तक की 10 बड़ी बातें
- राफेल मामले पर लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अनिल अंबानी का नाम लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं. राहुल गांधी ने कल लोकसभा में कहा, ''मुझे लगता था कि दाल में कुछ काला है, लेकिन यहां तो पूरी दाल ही काली है. हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं, इससे सच सामने आ जाएगा.''
- राफेल विवाद में अब एक कथित ऑडियो टेप की भी एंट्री हो गई है. राहुल गांधी ने अपने भाषण में गोवा के मंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास राफेल सौदे की सारी फाइलें हैं. कांग्रेस ने दावा किया है कि गोवा के मुख्यमंत्री इन फाइलों की वजह से मोदी सरकार को 'ब्लैकमेल' कर रहे हैं. राहुल गांधी लोकसभा में ये टेप चलाना चाहते थे जिसकी इजाजत नहीं मिली.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल जानते हैं कि यह टेप मनगढ़ंत है और कांग्रेस के लोगों ने इसे फैब्रिकेट किया है. जेटली ने कहा, "वे (राहुल) कहते हैं कि प्रक्रिया गलत है. एक ही आदमी ने सबकुछ कर लिया. वे कहते हैं कि 500 करोड़ का जहाज वो ला रहे थे और 1600 करोड़ का हम ला रहे हैं. इन्हें जहाज और लड़ाकू जहाज के बीच का मौलिक अंतर ही नहीं पता है. दाम एक नहीं होता. एक दाम एयरक्राफ्ट का और दूसरा दाम वेपनाइज्ड एयरक्राफ्ट का होता है.'
- जेटली ने कहा, ''यूपीए के बाद एनडीए ने बेसिक और वेपनाइज्ड एयरक्राफ्ट का दाम तय किया था. मैं बिना खंडन के डर के यह कह सकता हूं कि हमारे समय जो पहला विमान हमें मिलेगा, उसकी कीमत यूपीए के समय तय किए गए बेसिक विमान से 9% और वेपनाइज्ड विमान की कीमत 20% तक कम होगी."
- राहुल गांधी ने कल प्रधानमंत्री से सवाल भी पूछे. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''राहुल गांधी ट्वीट कर पीएम से पूछा है, ''मोदी जी, कृपया हमें बताएं कि पर्रिकर जी ने राफेल की फाइल अपने बेडरूम में क्यों रखी है ? इसमें ऐसा क्या है ?'' राहुल ने पीएम मोदी को आज सदन में बहस की चुनौती भी दी और ट्वीट कर 3 सवाल पूछे. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘’कल संसद में राफेल डील पर पीएम मोदी का ओपन बुक एग्जाम है. एडवांस में एग्जाम में आने वाले सवाल यहां हैं. पहला, 36 एयरक्राफ्ट क्यों ? जब इंडियन एयरफोर्स को 126 की जरूरत थी. दूसरा, 560 करोड़ की जगह हर एयरक्राफ्ट 1600 करोड़ में क्यों ? और तीसरा, HAL की जगह डील AA (अनिल अबानी) को क्यों?''
- राहुल गांधी ने कल लोकसभा में कहा कि जो राफेल यूपीए के वक्त खरीदा जाना था उसकी कीमत 526 करोड़ थी, जब नरेंद्र मोदी जी फ्रांस गए और राष्ट्रपति ओलांद से मिले तो एक नयी डील हुई जिसके तहत एक विमान की कीमत 526 करोड़ से 1600 करोड़ हो गयी तो अगला सवाल है कि आखिर क्यों विमान की कीमत 526 से 1600 करोड़ हो गयी ?
- वित्त मंत्री ने जवाब दिया कि ये 500 बनाम 1600 का जो तर्क है ये बहुत सादगी का तर्क है और उसका कारण ये है कि इस देश में कुछ लोग और कुछ परिवार ऐसे हैं जिनको पैसे का गणित समझ आता है देश की सुरक्षा के साथ जुड़े हुए मुद्दे नहीं. मैं बिना किसी खंडन के डर से ये कह सकता हूं कि सिर्फ विमान की कीमत 2016 की तारीख में यूपीए के दाम से 9% सस्ता था, हथियारों के साथ विमान का दाम यूपीए के दाम से 20% सस्ता थी.
- राहुल गांधी ने कहा- अनिल अंबानी के पास एक जमीन है जो डसॉल्ट के पैसे से खरीदी गयी इसलिए मेरा अगला सवाल है कि डियर प्राइम मिनिस्टर आपने ये कॉन्ट्रैक्ट अपने डियर फ्रेंड अनिल अंबानी को क्यों दिया जिससे देश को 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ.
- वित्त मंत्री ने राहुल गांधी की इस बात का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 58000 करोड़ की पूरी डील है, ऑफसेट हुए 29000 करोड़ के अगले 10 साल तक. उसमें 100-120 ऑफसेट सप्लायर होंगे, जिस कंपनी का नाम लिया गया, डसॉल्ट ने कहा हम उसने 3 या 4% खरीदेंगे मतलब 800 करोड़. वो ऑफसेट सप्लायर है, राहुल जी मानते हैं वो राफेल बनाने वाला है, इनका ज्ञान तो ABC से शुरू करना पड़ेगा.
- दुनिया के 193 देशों में महज़ 4 देश हैं जिनके पास राफेल है या आने वाले वक्त में होगा. फ्रांस जो इस फाइटर एयरफ्राफ्ट का निर्माता है. इजिप्ट जिसके पास 24 में से 17 राफेल अभी सेवा में हैं. कतर जिसने 30 सिंगर सीटर और 6 डुअल सीटर ऑर्डर किए हैं. फिर भारत का नंबर जिसने 36 राफेल ऑर्डर किए हैं. इनकी पहली खेप 2019 सितंबर में आएगी. वैसे राफेल एक मल्टीरोल फोर्थ जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट है.