नई दिल्ली: राफेल सौदे पर SC के फैसले के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जीत हमेशा सत्य की होती है.  उन्होंने कहा,'' मैं SC के फैसले का स्वागत करता हूं. जिस झूठ से देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था उसकी हार हुई. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने फायदे के लिए झूठे राजनीति का सहारा लिय़ा. झूठ की ऐसी कोशिश पहले कभी नहीं हुई.''


अमित शाह ने आगे कहा,'' झूठ के पैर नहीं होते,  SC का फैसला झूठ के मुंह पर एक तमाचा है. कांग्रेस ने इस मामले में दुष्प्रचार किया. राफेल पर उठ रहे सभी सवालों को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मैं जानना चाहता हूं कि राहुल गांधी कोर्ट में याचिकाकर्ता क्यों नहीं बने.''


बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा,'' कोर्ट ने माना कि इस डील में किसी को फायदा नहीं पहुंचाया गया है. राहुल गांधी को देश की सेना और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.'' उन्होंने कहा,''कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बताएं कि उनके इतने बड़े आरोपों का सोर्स क्या था. राफेल डील 2007 से 2014 तक क्यों नहीं हुई इसकी भी जानकारी राहुल गांधी को देनी चाहिए.''


कांग्रेस के जेपीसी जांच की मांग को लेकर उन्होंने कहा,''जेपीसी संसद में चर्चा के बाद बनती है. कांग्रेस चर्चा से क्यों भाग रही है.'' अमित शाह ने कहा,''मैं राहुल गांधी को मशवरा देता हूं कि बिना सबूत के आरोप लगाना बंद करे.'' कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा,'' कमिश्न के लिए ही राफेल डील कांग्रेस ने नहीं की थी. चौकीदार के डर से ही वह चोर-चोर चिल्ला रहे हैं. जनता कभी नहीं मानेगी चौकीदार चोर है. राहुल गांधी ने देश के सुरक्षे को खतरे में डाला है.''


चुनाव नतीजों पर सवाल को टाल गए अमित शाह


5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उस पर 1-2 दिन बाद बात करेंगे. बता दें कि हाल में ही हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छे नहीं रहे. बीजेपी शासित तीन राज्यों में सत्ता से उसे हाथ धोना पड़ा है.


राफेल जांच को लेकर सभी याचिकाएं कोर्ट ने की खारिज


राफेल जांच को लेकर  आज SC ने वकील एम एल शर्मा, विनीत ढांडा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, वकील प्रशांत भूषण और आप सांसद संजय सिंह ने याचिकाएं को खारिज कर दिया.  राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ''हम इससे सन्तुष्ट हैं कि प्रक्रिया में कोई विशेष कमी नहीं रही है. भारत को विमान की ज़रूरत है, विमान की क्षमता पर शक नहीं है. 126 की बजाय 36 विमान लेने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. ऐसे मामलों में न्यायिक समीक्षा का कोई तय नियम नहीं है. राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू का ध्यान रखना ज़रूरी है.'' सुप्रीम कोर्ट ने यहा भी कहा कि कुछ लोगों की धारणा पर कोर्ट फैसला नहीं सुना सकता है. साथ ही कहा कि 36 विमान की खरीद पर सवाल उठाना गलत है.