नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मौन होने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी अब मौनमोदी बन गए हैं. वहीं उनकी रक्षा मंत्री गायब हैं और कानून मंत्री चिड़चिड़ा रहे हैं. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी स्तरहीन और पाकिस्तान की मदद करने वाला बताया था. इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने जो आरोप लगाए हैं उसका साफ मतलब है कि पीएम मोदी ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार किया है, चोरी की है.


सरकार के लोगों ने की अनिल अंबानी की सेवा- कांग्रेस


कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, ‘’राहुल गांधी ने पीएम मोदी से बहुत संगीन सवाल पूछे हैं. लेकिन अब मोदी जी चुप हैं वह मौनमोदी बन गए हैं.’’ उन्होंने कहा है कि जनता मोदी सरकार को अर्श से फर्श तक का सफर तय कराएगी. 30 हज़ार करोड़ का ठेका रिलायंस को दिलाने के भारत सरकार का कोई रोल नहीं है. एक बात साफ है कि सरकार के लोग अनिल अंबानी की सेवा कर रहे थे.’’


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रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, ‘’जिन दो लोगो ने सौदा किया उनमें से एक सामने आकर कह रहा है तो दूसरा चुप क्यों है? अभी तक किसी ने सामने आकर ये क्यों नहीं कहा कि ओलांद गलत कह रहे हैं. प्रधानसेवक देश की महीन अनिल अंबानी की कम्पनी की सेवा कर रहे थे.’’


कानून मंत्री झूठ बोल रहे हैं- कांग्रेस


सुरजेवाला ने कहा, ‘’कानून मंत्री ने कहा कि साल 2012 में ही डसाल्ट एविएशन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच कॉन्ट्रैक्ट हुआ था, जो गलत है. हम चुनौती देते हैं. अगर ऐसा कोई समझौता हुआ है तो कागज़ सामने लाइए. सच ये है कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसाल्ट एविएशन के बीच समझौता हुआ था.


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘’25 मार्च साल 2015, समझौते से 17 दिन पहले. इरिक ट्रैपिएर डसाल्ट एविएशन बैंगलोर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के ऑफिस जाते हैं. 13 मार्च 2014 को वर्कशीट एग्रीमेंट HAL और डसाल्ट एविएशन के बीच साइन हो गया था. कानून मंत्री ने कहा कि कीमत सीक्रेट है और ये भी कह रहे हैं कि कीमत कम भी है. L1 टेंडर में UPA के समय मे 526 करोड़ कीमत थी. अनिल अंबानी की कम्पनी और डसाल्ट एविएशन अपनी रिपोर्ट में कीमत बता रही हैं, लेकिन सरकार क्यों नहीं बता रही? दरअसल कीमत 300 गुना बढ़ गई थी.’’


2015 में दोनों देशों के बीच कोई पत्र साइन नहीं हुआ- कांग्रेस


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रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, ‘’कानून मंत्री आईएएफ की क्षमता पर चुनौती देकर राष्ट्रविरोधी बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और ओलांद को साइन की हुई डील पर साफ लिखा है कि एयरक्राफ्ट के विनिर्देश  बिल्कुल वही हैं जो यूपीए के समय तय हुई थी. 10 अप्रैल 2015 को जब समझौता हुआ तक दोनों देशों के बीच कोई पत्र साइन नहीं हुआ था.’’


सुरजेवाला ने कहा, ‘’चौकीदार भागीदार भी है और गुनाहगार भी है. अच्छे दिन केवल सूट बूट वाले मित्रों के आए हैं. पाकिस्तान को मजबूत मोदी सरकार कर रही है. 126 जहाज को आवश्यकता देश को है तो आप सिर्फ 36 क्यों खरीद रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता मोदी सरकार कर रही है. ये मामला भ्रष्टाचार का है. रंगे हाथों चोरी पकड़ी गई. मामले की जांच अवश्य होगी. जब जनता सरकार बदलेगी तो जांच होगी.’’


राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखें-


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