नई दिल्ली: राफेल सौदा विवाद पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अख़्तियार कर रखा है. कांग्रेस ने इस मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को ज्ञापन सौंप कर राफेल सौदे की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस ने इस सौदे से जुड़े सभी कागजात को जब्त करने की भी मांग की है.


फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद से ही कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है. हालांकि सरकार ने राफेल डील में किसी भी तरह के घोटाले की बात को खारिज किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ है. पिछले सप्ताह कांग्रेस ने देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से मुलाकात की थी. पार्टी ने कैग से सौदे में कथित अनियमितता पर एक रिपोर्ट तैयार करने और उसे संसद में पेश किये जाने का अनुरोध किया था.


ओलांद के बयान से मचा हाहाकार


पिछले सप्ताह फ्रांस्वा ओलांद ने एक इंटरव्यू में केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस डील को हरी झंडी दिखाई थी तब इस सौदे के लिए ऑफसेट पार्टनर के तौर पर सिर्फ अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम दिया था. ओलांद के बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगाया.


कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को अब 'झूठ न बोलने' की नसीहत दे दी. वहीं कांग्रेस के आनंद शर्मा ने राफेल सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया और पीएम मोदी से उनके 'मौन' रहने की वजह पूछी. कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राफेल सौदा की जांच सीवीसी से कराने की मांग की है.