नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से संबंधित भारत और फ्रांस के बीच के सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने के अपने 14 दिसंबर के फैसले की समीक्षा करने की मांग संबंधी दो अर्जियों पर 26 फरवरी को सुनवाई करेगा. तय प्रक्रिया के मुताबिक पहले फैसला दे चुके चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, संजय किशन कौल और के एम जोसफ बंद कमरे में याचिका को देखेंगे और ये तय करेंगे कि क्या फैसले के किसी पहलू पर खुली अदालत में दोबारा सुनवाई ज़रूरी है
पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ये अर्जियां दाखिल की हैं. इन अर्जियों पर चैम्बर में सुनवाई होगी न कि खुली अदालत में. तीनों ने कहा कि शीर्ष अदालत ने अदालत में सीलबंद में दिये गये बिना हस्ताक्षर वाले नोट में सरकार द्वारा किये गये ‘बिल्कुल असत्य ’ दावों पर भरोसा किया.
उन्होंने दावा किया है कि यह फैसला "रिकार्ड के आलोक में स्पष्ट त्रुटियों पर आधारित है" और बाद में जो सूचनाएं आयी हैं उन पर गौर नहीं करना इंसाफ का गला घोंटना होगा. फैसले पर पुनर्विचार के अलावा इन तीनों ने खुली अदालत में सुनवाई का भी अनुरोध किया है. शीर्ष अदालत आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की अर्जी पर भी सुनवाई करेगी. सिंह ने भी 14 दिसंबर के फैसले की समीक्षा की मांग की है.
शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर,2018 को वे सारी याचिकायें खारिज कर दीं थीं जिनमें न्यायालय की निगरानी में 58,000 करोड़ रूपए के लड़ाकू विमान सौदे की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया था. न्यायालय ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुये कहा था कि इन विमानों की खरीद का निर्णय लेने की प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह करने की कोई वजह नहीं है.