नई दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर चल रहे विवाद के बीच पहली बार भारतीय वायुसेना की तरफ से जवाब आया है. मीडिया से बात करते हुए आज वायुसेना के सह-सेनाध्यक्ष (वायस चीफ), एयर मार्शल एस बी देव ने कहा कि जो भी लोग विवाद खड़ा कर रहे हैं उन्हें जानकारी की कमी है. उन्होनें कहा कि ऑफसेट पर बात करने से पहले लोगों को डीपीपी पढ़ लेनी चाहिए.


रक्षा मंत्रालय की डीपीपी यानि डिफेंस प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के तहत ही सभी रक्षा सौदे होते हैं और उसमें सौदों से लेकर ऑफसेट के बारे में जरूरी गाईड-लाइंस और दिशा-निर्देश दिए गए हैं. एयर मार्शल एस बी देव ने कहा कि राफेल एक सुंदर और बेहद क्षमता वाला लड़ाकू विमान है और भारतीय वायुसेना उसका (उड़ाने का) इंतजार कर रही है.


वायुसेना के सह-सेनाध्यक्ष आज राजधानी दिल्ली में सीआईआई द्वारा आयोजित एक सेमिनार के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. जब उनसे राफेल विवाद पर सवाल पूछा गया तब उन्होनें कहा, "हालांकि, मुझे इसपर नहीं बोलना चाहिए. मैं इतना बता सकता हूं कि हमने इस सौदे के बारे में बहुत जानकारी है. लेकिन जो लोग इसपर चर्चा (विवाद) कर रहे हैं उन्हें सही जानकारी नहीं है. ऑफसेट के बार में जो भी बात करनी है उससे पहले डीपीपी जरूर पढ़नी चाहिए."


आपको बता दें कि हाल के दिनों में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोलता रहा है. साथ ही कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट द्वारा रिलायंस कंपनी के साथ ऑफसेट करार को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे हैं.


सीआईआई द्वारा आयोजित सेमिनार, 'एनर्जाइसिंग इंडियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री: मैपिंग द चेंज' में बोलते हुए एस बी देव, जो खुद एक फाइटर पायलट हैं ने कहा कि एचएएल का तेजस एक बेहतरीन लड़ाकू विमान है लेकिन क्योंकि वो स्वदेशी है इसलिए हम उसे खारिज करने की कोशिश करते रहते हैं.


उन्होंने कहा कि सरकार हमारी डिफेंस इंडस्ट्री को बहुत मदद कर रही है इसका फायदा उठाना चाहिए. हालांकि, उन्होनें कहा कि हमारे लोग व्यापार करने में माहिर हैं क्योंकि लोहे को काटना नहीं चाहते और विफलताओं को पचा नहीं पाते हैं.


ये भी देखें


दिल्ली: सरकार की नीतियों के खिलाफ लेफ्ट से जुड़े किसान-मजदूर संगठनों का हल्ला बोल