Rafale: अब आंख उठाकर नहीं देखेगा दुश्मन, 20 मिनट में इस्लामबाद पर हमले कर सकता है राफेल
ये विमान दुश्मनों को तहस-नहस करने वाले हथियारों से लेस हैं. कहा जा रहा है कि जब राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा और भारत आसमान में राज करेगा. पाकिस्तान के पास राफेल की टक्कर का कोई विमान नहीं है.
नई दिल्ली: फ्रांस से आ रहे राफेल लड़ाकू विमान दो दशक से ज्यादा समय में भारत की ओर से रक्षा सौदों में पहली बड़ी खरीद है. इन विमानों के देश में आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. इसके बाद पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश भारत की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखेंगे.
अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है, क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है. विशेषज्ञ बताते हैं कि राफेल विमान अंबाला से महज बीस मिनट के अंदर पाकिस्तान में घुसकर इस्लामाबाद पर हमले कर सकते हैं. राफेल लड़ाकू विमान ऐसे समय वायुसेना में शामिल हो रहे हैं, जब चीन से हमारा विवाद चल रहा है और पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकी और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं.
दुश्मनों को तहस-नहस करने वाले हथियारों से लेस हैं ये विमान
ये विमान दुश्मनों को तहस-नहस करने वाले हथियारों से लेस हैं. कहा जा रहा है कि जब राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा और भारत आसमान में राज करेगा. पाकिस्तान के पास राफेल की टक्कर का कोई विमान नहीं है. पाकिस्तान के पास F-16 है लेकिन अकेला राफेल दो एएफ-16 के बराबर है.
भारत के पास अभी जो फाइटर प्लेन जैसे मिग-29, मिराज,सुखोई-30 है, इनकी तुलना में राफेल एक अलग जनरेशन का फाइटर प्लेन है, जो टारगेट को आसानी से भेद सकता है और पड़ोसी देशों पर एयरस्ट्राइक कर सकता है.
भारत ने खरीदे हैं 36 राफेल लड़ाकू विमान
बता दें कि भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था. भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 विमान लड़ाकू जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं.
इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे 'गोल्डन एरोज' के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जा सकता है, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है.
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