नई दिल्ली: पांच राफेल विमान फ्रांस से अंबाला एयरबेस पहुंच गए हैं. सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. मुझे बेहद खुशी है कि भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को सही वक्त पर मजबूती मिली है.


रक्षा मंत्री ने कहा, ''अगर किसी को हमारी नयी क्षमता से चिंतित होना चाहिए तो उन्हें होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं''










राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर उतरे.


राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं.’’ वायुसेना में लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ (चिड़िया) कहा जाता है.


सिंह ने ट्वीट किया है, ‘‘राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नये अध्याय की शुरुआत है. ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे.’’


मेरिगनेक एयरबेस से सात घंटे से अधिक उड़ान भरने के बाद यूएई में सोमवार को अल धाफरा एयरबेस पर विमानों का जत्था उतरा था. यह फ्रांस से भारत के लिए उड़ान के दौरान एकमात्र पड़ाव था.






इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने कहा कि भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद राफेल विमानों को दो सुखोई 30 एमकेआई ने अपने घेरे में ले लिया. 30,000 फुट की ऊंचाई पर एक फ्रांसीसी टैंकर से हवा में इन लड़ाकू विमानों में ईंधन भरा गया था.


राफेल लड़ाकू विमान भारत के दो दशकों में लड़ाकू विमानों का पहली बड़ी आपूर्ति है और इनसे भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है.


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