राफेल बनानी वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से नेहरू और मोदी ने खरीदे विमान, 67 साल पुराना है रिश्ता
दसॉल्ट और भारत का रिश्ता 67 साल पुराना है. यानी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने दसॉल्ट से लड़ाकू विमान खरीदे हैं.
नई दिल्ली: भारत के लिए आज एक एतिहासिक दिन है. आज फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं. दोपहर एक से तीन बजे के बीच ये सभी विमान हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने बनाया है. दसॉल्ट एविएशन सैन्य और नागरिक जरूरतों के लिए विमान बनाने वाली कंपनी है.
दसॉल्ट और भारत का रिश्ता 67 साल पुराना है. यानी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने दसॉल्ट से लड़ाकू विमान खरीदे हैं.
ये है 67 साल पुराने रिश्ते की गवाही
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के वक्त साल 1953 में भारत को दसॉल्ट एविएशन ने ‘तूफानी’ बमवर्षक विमान डिलीवर किया था. उस वक्त भारत ने 113 तूफानी विमान खरीदे थे. इस दौरान भारत दसॉल्ट का पहला विदेशी कस्टमर बना था. तूफानी का इस्तेमाल 1961 में दीव द्वीप को पुर्तगाल से आजाद कराने के काम आया था.
बमवर्षक विमान ‘तूफानी’ और कब-कब काम आया?
ये लड़ाकू विमान1962 में असम और नगालैंड में उग्रवादियों को खदेड़ने के काम आया. साल 1962 में चीन युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हुआ. हालांकि साल 1965 में इस विमान का इस्तेमाल बंद हो गया. दरअसल 1957 में भारत 100 Mystère IV-A लड़ाकू विमान खरीद चुका था, जो तूफानी से ज्यादा शक्तिशाली और घातक थे.
1960 में भारत ने दसॉल्ट से एलीज विमान खरीदे जो एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट थे. 1978 में भारत ने फ्रांस से 40 रेडी टू फ्लाई जगुआर बमबर्षक विमान खरीदा. साथ ही 120 जगुआर का प्रोडक्शन भारत में किया गया. इसने श्रीलंका और करगिल की लड़ाई में अहम रोल निभाया.
साल 1982 में 49 'मिराज 2000' लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ
साल 1982 में 49 'मिराज 2000' लड़ाकू विमानों का सौदा किया गया. करगिल में 'मिराज 2000' ने अहम रोल निभाया. साथ ही 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकियो के ठिकानों को नष्ट किया था. अब राफेल के साथ भारत और दसॉल्ट का बरसों पुराना रिश्ता और मज़बूत हुआ है.
पहला राफेल विमान भारत को अक्टूबर 2019 में सौंप दिया गया था. ये ट्रेनर विमान था, जिसमें भारतीय पायलटों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. अब जो पांच विमान भारत आ रहे हैं, उसमें दो ट्रेनर विमान और टू सीटर विमान हैं, जबकि तीन सिंगल सीटर लड़ाकू विमान हैं.
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