Sushen Mohan Gupta: कौन है सुशेन मोहन गुप्ता? बीजेपी ने Rafale Scam में उछाला है इस बिचौलिए का नाम
Sushen Mohan Gupta: सुशेन गुप्ता के एम्ब्रायर जहाज घोटाले को लेकर भी जांच चल रही है. उसके खातों की जांच के दौरान इजरायल की कंपनियों से भी पैसा आने का पता चला है.
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Rafale Scam Middleman Sushen Mohan Gupta: राफेल डील(Rafale Deal) में कथित घूसखोरी को लेकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस आमने-सामने हैं. राफेल पर नई रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने इसे देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला करार दिया है तो वहीं, बीजेपी ने उस बिचौलिए का नाम जनता के सामने रखा है कि जिसके माध्यम से हिंदुस्तान में कमीशन दिया गया था. बीजेपी का कहना है कि ये कमीशन कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान दिया गया था. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जिस बिचौलिए का नाम लिया वो सुशेन मोहन गुप्ता(Sushen Mohan Gupta) है.
बता दें कि सुशेन मोहन गुप्ता के खिलाफ वीवीआईपी हेलीकाप्टर घोटाले के अलावा एम्ब्रायर जहाज घोटाले को लेकर भी जांच चल रही है और उसके खातों की जांच के दौरान दसाल्ट कंपनी के अलावा इजरायल की कंपनियों से भी पैसा आने का पता चला है. सुशेन अपना सारा राज दुबई के एक डिब्बे में छुपाकर रखता था और एक छापेमारी के दौरान यह डिब्बा पकड़ा गया था, जिसके बाद वह कानून के शिकंजे मे आ गया था. सुशेन मोहन गुप्ता का दिल्ली के कई इलाकों में ठिकाने बताए जाते हैं. जांच एजेंसियों के पास सुशेन की जो जन्मपत्री मौजूद है उसके मुताबिक उसके पिता की खासी जान पहचान थी. इस जान पहचान को भुनाकर सुशेन दलाली के धंधे मे आ गया और उसने अपने भाई सुशांत को भी अपनी अनेक कंपनियों मे सहयोगी बना लिया.
जांच एजेंसियों के मुताबिक सुशेन ने जहाज के इंजन बनाने वाली प्राएट एंड विटनी की एजेंसी भी ली और धीरे-धीरे वो डिफेंस दलाली के धंधे में एक बड़ा नाम बन गया. साथ ही उसने विदेशों में भी कुछ कंपनियां और बैंक खाते खोल लिए. इन्हीं बैंक खातों के जरिए वो दलाली की रकम इधर से उधर करता था.
महीने में एक बार जाता था दुबई
जांच एजेंसी के एक आला अधिकारी के मुताबिक अपनी दलाली के राज छुपाने और भारतीय एजेंसियों की निगाहों में धूल झोंकने के लिए सुशेन ने दुबई में एक शख्स के घर वाल्ट सिस्टम खोला हुआ था यानि उसके जो भी विदेशी पत्राचार होते थे वो उस डिब्बे के पते पर दुबई मे आते थे. सुशेन महीने में एक बार दुबई जाता था और अपने उस डिब्बे को खोलकर विदेशों से आई सारी जानकारियां हासिल करता था. लेकिन एक दिन उस डिब्बे पर जांच एजेंसियों का छापा पड़ गया और खुल गया बहुत सी डिफेंस डील्स का राज.
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक इस डिब्बे की तलाशी के दौरान सुशेन की दो डायरियां भी मिलीं जिसमें डिफेंस से संबंधित अनेक गोपनीय जानकारियां भी लिखी हुई थीं. उसमें यह भी लिखा हुआ था कि उसके जरिए किन-किन लोगों तक पैसा पहुंचा और कौन लोग उसके राजदार थे. इसी तलाशी के दौरान पता चला कि नौसेना के एक पूर्व एडमिरल का बेटा भी उसकी कंपनी मे पार्टनर था और जब उसकी कंपनी को भारत में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया तो उसने अपनी कंपनी सुशेन को दे दी.
किस-किस घोटाले मे जांच
जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी की जांच के दौरान पता चला कि उस कंपनी के तार बहुचर्चित एम्ब्रायर जहाज घोटाले से जुड़े हुए हैं. ईडी मे इस मामले की जांच आज भी जारी है. साथ ही उसके खातों मे दसाल्ट के अलावा इजरायल की कंपनियों से भी पैसे आए हुए हैं जिनकी जांच जारी है.
ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक वकील गौतम खेतान, कांग्रेस नेता कमलनाथ का भांजा रतुल पुरी आपस में तिगड़ी के रूप मे काम करते थे. सुशेन के विदेशी खातों के जरिए ही पैसा इधर से उधर किया जाता था और उसके इस काम में भारत की कुछ कंपनियां भी अहम रोल अदा करती थीं. आरोप है कि दलाली के पैसों से आई रकम से सुशेन ने अनेक प्रॉपर्टी भी बनाई. उसका मैसूर और जम्मू के पास कटरा में एक होटल भी है. आरोप है कि इन होटलों में भी दलाली के जरिए आई रकम लगाई गई थी जिसके बाद ईडी ने इन होटलों को अटैच कर लिया है.
ईडी ने सुशेन को मार्च 2019 मे गिरफ्तार कर पूछताछ की थी और उसके खिलाफ 22 मई 2019 को वीआईपी हेलीकाप्टर घोटाले में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी और उसके बाद सुशेन जमानत पर रिहा हो गया था. हालांकि ईडी में उसके खिलाफ जांच आज भी जारी है.
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