राफेल विवाद में पाकिस्तान की एंट्री, संबित पात्रा ने कहा, 'पाक-कांग्रेस दोनों मोदी को हटाना चाहते हैं'
राफेल सौदे में पक्ष-विपक्ष के बीच चल रहे विवाद में अब पाकिस्तान की एंट्री हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मामले में पार्टी पर लगे आरोपों पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान दोनों ही मोदी को हटाना चाहते हैं.
नई दिल्ली: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के राफेल पर दिए गए बयान से भारत में जो राजनीतिक तूफान उठा उसमें अब पाकिस्तान को भी घसीट लिया गया है. अपने ताज़ा हमलों में बीजेपी प्रवक्ता संवित पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस पाकिस्तान के साथ इंटरनेशनल गठबंधन बना रही है. पात्रा ने कांग्रेस पर पाकिस्तान से तुलना के अलावा कई और गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ट्वीट को पाकिस्तान टैग कर रहा है. वहीं, उन्होंने सबसे बड़ा आरोप ये लगाया कि कांग्रेस और पाकिस्तान नरेंद्र मोदी को हटाना चाहते हैं.
राहुल ने सौदे को बताया था सेना पर सर्जिकल स्ट्राइक आपको बता दें कि राहुल गांधी ने राफेल सौदा मामले पर हमला करते हुए कहा था कि पीएम मोदी और अनिल अंबानी ने इस सौदे से देश के जवानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है. इसी पर जवाबी हमला करते हुए पात्रा ने राहुल गांधी पर सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाने और इसके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.
The PM and Anil Ambani jointly carried out a One Hundred & Thirty Thousand Crore, SURGICAL STRIKE on the Indian Defence forces. Modi Ji you dishonoured the blood of our martyred soldiers. Shame on you. You betrayed India's soul. #Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2018
संबित ने लगे हाथ कांग्रेस को ये नसीहत भी दे डाली कि उन्हें नरेंद्र मोदी से सीखना चाहिए कि कैसे राष्ट्र की गरिमा की रक्षा करते हैं. आपको ये भी बता दें कि ये सारी बातें उस संर्दभ में कही गई हैं जो राफेल विवाद से जुड़ी हुई हैं.
ओलांद के खुलासे से हुआ धमाका दरअसल पिछले हफ्ते के अंत में फ्रांस के पू्र्व राष्ट्रपति ओलांद का एक इंटरव्यू सामने आया. इसमें उन्होंने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि 2015 में जब नरेंद्र मोदी ने इस सौदे को हरी झंडी दी, तब फ्रांस को इस सौदे के ऑफसेट पार्टनर के तौर पर जो इकलौता विकल्प दिया गया था, वो अनिल अंबानी का था.
बदले नियम से डसॉल्ड-रिलायंस डिफेंस को हुआ फायदा इस बयान के बाद देश में भूचाल आ गया, क्योंकि 36 जहाजों के लिए 59,000 करोड़ रुपए में किए गए सौदे से जुड़े ऑफसेट के नियमों को सौदे से पहले बदला गया था और विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के पास नए नियमों की वजह से ये सहूलियत थी कि वो अपने ऑफसेट पार्टनर का नाम सरकार को बाद में बताए.
सरकार ने दिया रिलायंस के नाम का इकलौता विकल्प ऐसे में ओलांद के आरोपों के बाद गंभीर सवाल इसलिए खड़े हुए क्योंकि डसॉल्ड ने इस सौदे के 12 दिन पहले बनी रिलायंस डिफेंस को अपना पार्टनर बनाया. वहीं, सरकार को इसकी जानकरी बाद में दी. लेकिन फ्रांस के पू्र्व राष्ट्रपति के बयान के मुताबिक भारत सरकार ने न सिर्फ सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का नाम किनारे करके रिलायंस का नाम आगे बढ़ाया, बल्कि इसके अलावा किसी और कंपनी का विकल्प फ्रांस को दिया ही नहीं गया.
पाकिस्तान तक ने मामले में दी भारत को नसीहत इसी सिलसिले में जब विपक्ष के हमले तेज़ होने लगे और आरोप प्रत्यारोपों में पाकिस्तान का नाम आने लगा. तब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, ''हम भारत में सत्ताधारी लोगों के युद्ध भड़काने की कोशिश को नकारते हैं. सभी जानते हैं कि भारतीय सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ नफरत फैलाने की रणनीति दरअसल पीएम मोदी को बचाने के लिए है. पीएम मोदी पर राफेल डील में इस्तीफा देने का दबाव है, इसलिए भारत सरकार इस बड़े रक्षा सौदे के घोटाले से अपनी जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है.''
These tweets explain BJP led Tirade against Pakistan, Apni Jang Khud Lado #RafaelDeal pic.twitter.com/dD3PUZ4PAb
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) September 22, 2018
इतना ही नहीं चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो ट्वीट के स्क्रीनशॉट को भी शेयर किया. चौधरी ने लिखा कि इससे पता चलता है कि बीजेपी पाकिस्तान के खिलाफ क्यों जहर उगल रही है. राफेल डील पर अपनी जंग खुद लड़ो. पात्रा इस मामले को पाकिस्तान और कांग्रेस का गठबंधन बता रहे हैं जिसे वो मोदी के हटाने का प्लान भी बता रहे हैं.
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