Rafale Fighter Plane: देश की पूर्वी सीमाओं की हवाई-सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रफाल फाइटर जेट की दूसरी स्कॉवड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा में ऑपरेशनली तैयार हो गई है. बुधवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की मौजदूगी में रफाल फाइटर जेट्स की दूसरी स्कॉवड्रन की इंडक्शन सेरेमनी हासिमारा में आयोजित की गई. हासिमारा एयरबेस चीन-भूटान सीमा के ट्राई-जंक्शन के करीब है. 101 स्कॉवड्रन के ऑपरेशन्ल होने से सिक्किम से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक की एयर-स्पेस की हवाई सुरक्षा बेहद मजबूत होने की संभावना है.


बुधवार को हासिमारा में रफाल फाइटर जेट्स ने आसमान में उड़ान भर विधिवत तौर से दूसरी स्कॉवड्रन को स्थापित किया. एयर बेस पर लैंड करने पर फाइटर जेट्स को वॉटर-कैनन की सलामी दी गई. दूसरी स्कॉवड्रन को 101 स्कॉवड्रन के नाम से जाना जाएगा, जिसे ‘फॉल्कन ऑफ छंब एंड अखनूर’ का नाम भी दिया जाता है. भारतीय वायुसेना की एक स्कॉवड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं. 


बता दें कि अब तक भारत को फ्रांस से 26 रफाल लडाकू विमान मिल चुके हैं. इनमें से 18 लड़ाकू विमान अबतक अंबाला स्थित गोल्डन-ऐरो स्कॉवड्रन का हिस्सा बन चुके हैं और पूर्वी लद्दाख से लेकर हिमाचल प्रदेश तक की एयर-स्पेस की सुरक्षा में तैनात हैं.  भारत ने कुल 36 रफाल लड़ाकू विमानों का सौदा फ्रांस से किया है.


रफाल लड़ाकू विमानों की इंडक्शन सेरेमनी में वायु-सैनिकों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बताया कि रफाल लड़ाकू विमानों की दूसरी स्कॉवड्रन को हासिमारा में एक सोची-समझी रणनीति के तहत स्थापित किया गया है ताकि देश की पूर्वी-सेक्टर में वायुसेना की क्षमताओं को मजबूती प्रदान की जाए. एयरचीफ मार्शल ने कहा कि उन्हें जरा भी शक नहीं है कि जहां और जब भी 101 स्कॉवड्रन की जरूरत होगी वो वो वहां पूरी तरह से स्थिति को अपने काबू करने में सक्षम होगी. इस स्कॉवड्रन की उपस्थिति मात्र से ही दुश्मन हमेशा डर के साये में रहेगा. 


भारतीय वायुसेना की 101 स्कॉवड्रन वर्ष 1949 में स्थापित की गई थी. उस वक्त ये राजधानी दिल्ली के पालम एयर-बेस से संचालित की जाती थी. उस वक्त इस स्कॉवड्रन में हार्वर्ड, स्पिटफायर, वैम्पायर, सु-7 और मिग-21एम जैसे एयरक्राफ्ट होते थे. 1965 और 1971 के युद्ध में अखनूर और छंब में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन करने के लिए इस स्कॉवड्रन का नाम फाल्कन ऑफ छंब एंड अखनूर दिया गया था. बुधवार को समारोह को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि अपने स्वर्णिम इतिहास की तरह ही मौजूदा स्कॉवड्रन अपने जुनून और जज्बे के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेगी. 


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