एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच आखिरकार वो तारीख सामने आ गई है जब राफेल फाइटर जेट विधिवत तौर से भारतीय वायुसेना में शामिल होने जा रहे हैं. 10 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में फ्रांस से आए पांच राफेल लड़ाकू विमानों को अंबाला एयरबेस पर एक सैन्य समारोह में शामिल किया जाएगा. माना जा रहा है कि फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले भी इस समारोह में शिरकत करने के लिए भारत आ सकती हैं.


जानकारी के मुताबिक, अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों के वायुसेना में शामिल करने की पूरी तैयारी कर ली गई है. फ्रांस से आए पांचों फाइटर जेट्स अब पूरी तरह से ऑपरेशन्ली तैयार हैं और चीन पाकिस्तान सीमा पर कॉम्बेट पैट्रोलिंग भी कर रहे हैं. इसीलिए वायुसेना ने कमीशनिंग-सेरेमनी के लिए रक्षा मंत्रालय को 10 सितबंर की तारीख का प्रपोज़ल भेजा है. रक्षा मंत्रालय ने इस समारोह के लिए फ्रांस की रक्षा मंत्री को भी आमंत्रित किया है. फ्रांस से अभी इस समारोह में शामिल होने की स्वीकृति आनी बाकी है.


आपको बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इनमें से पहली खेप में पांच विमान 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर पहुंच गए हैं. अगले पांच विमान अक्टूबर में भारत पहुंच जाएंगे. इससे पहले पिछले साल यानि अक्टूबर 2019 में दशहरा के मौके पर खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस जाकर पहले राफेल विमान को स्वीकार किया था. इसके बाद से ही भारतीय पायलट इन राफेल विमानों पर फ्रांस में ही ट्रेनिंग ले रहे थे.


राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने से भारत को चीन और पाकि‌स्तान पर एयर-पावर में एक बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है, क्योंकि 4.5 जेनेरेशन वाले राफेल को एक ओमनी-पोटेंट फाइटर जेट माना जाता है. राफेल भारत के लिए दक्षिण एशिया में गेमचेंजर साबित होने वाला है.


इस बीच खबर है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 4-6 सितबंर को रूस की यात्रा पर जाएंगे. वहां पर राजनाथ सिंह एससीओ यानि शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं. चीन और पाकिस्तान भी इस एससीओ के सदस्य हैं और माना जा रहा है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्री भी इस सम्मेलन में शिरकत कर सकते हैं.