दिल्ली: यमुना में अमोनिया के लेवल को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक वीडियो जारी कर यमुना में गंदगी फैलाने के लिये हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. राघव चड्ढा और दिल्ली जलबोर्ड की ओर से आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार यमुना में बिना ट्रीट किया गया दूषित पानी छोड़कर अमोनिया का स्तर बढ़ा रही है. यमुना नदी में अमोनिया का लेवल बढ़ने की वजह से बुधवार को दिल्ली के कई इलाकों में पानी सप्लाई की किल्लत हो सकती है.


राघव चड्ढा ने कहा कि, साफ पानी दिल्ली का हक है, दिल्ली को वैसे भी जरूरत से कम पानी मिल रहा है और उसमें भी इतना अमोनिया मिल रहा है कि हमारे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में बार-बार दिक्कतें आ रही हैं और कई बार प्लांट बंद भी करना पड़ता है. कल यमुना के पानी में 7ppm तक अमोनिया था, जिसकी वजह से हमारे वजीराबाद, चंद्रावल प्लांट की क्षमता 50% तक कम हो गई और ओखला प्लांट पर भी काफी असर पड़ा.

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष की ओर से जारी बयान के कहा गया है कि पिछले एक साल से, यमुना नदी में अमोनिया के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव रहा है और हरियाणा सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों को कई बार सूचित करने के बावजूद सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई और सुधार नहीं हुआ है. फरवरी, मार्च, जुलाई, अक्टूबर, नवंबर और अब दिसंबर में वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला प्लांट के उत्पादन में हरियाणा द्वारा सप्लाई किए जा रहे कच्चे पानी में मौजूद अमोनिया की वजह से 25% से 80% तक की कमी आई है. ऐसे समय में जब महामारी की वजह से पूरी दुनिया परेशान है और जिंदगी बचाने के लिए पानी काफी जरूरी है, हरियाणा के इस व्यवहार की वजह से दिल्ली की परेशानी काफी बढ़ जा रही है. पिछले 2 साल में ये अमोनिया का सबसे उच्चतम स्तर है, यमुना में अमोनिया 7ppm तक बढ़ गया है जबकि प्लांट्स में अधिकतम 0.8 ppm तक अमोनिया का ही ट्रीटमेंट किया जा सकता है.

राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड के लगातार अनुरोध के बावजूद हरियाणा सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है. यमुना में नालों के जरिए इंडस्ट्री से निकलने वाला अमोनिया लगातार घुल रहा है. राघव चड्ढा ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) और अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) से हरियाणा सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

DJB के मुताबिक यमुना में अमोनिया बढ़ने का कारण-

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक हरियाणा में DD-1 और DD-2 दो नहरें हैं, इन दोनों नहरों से दूषित पानी यमुना में पहुंचता है. DD-2 नहर को डाई ड्रेन भी कहा जाता है क्योंकि इस नहर में इंडस्ट्रीज से निकला डाई ज्यादा मात्रा में होता है जिसमें भारी मात्रा में अमोनिया मौजूद होता है. ये दोनों नहरें हरियाणा के पानीपत जिले के शिमला गुजरन गांव के पास एक-दूसरे से मिलती हैं. शिमला गुजरन गांव से ये नहरें आगे बहते हुए खोजकीपुर गांव के पास यमुना नदी में मिल जाती हैं. DJB का कहना है कि यमुना में प्रदूषण फैलाने वाला ये एक बड़ा केन्द्र है जहां अक्सर अमोनिया का स्तर 25-40 ppm हो जाता है.

दिल्ली को CLC, DSB एवं यमुना के अलावा DD-8 नहर से भी पानी की सप्लाई की जाती है. DJB का आरोप है कि DD-8 नहर के साथ कुछ किलोमीटर तक एक और नहर DD-6 (प्याऊं मनिहारी, हरियाणा) भी बहती है जिसमें हरियाणा भारी मात्रा में औद्योगिक और घरेलू दूषित पानी छोड़ता है. ये दोनों नहरों के बीच में रेत की बोरियों से बंटवारा किया गया है जो अक्सर कई जगहों पर टूटा भी हुआ है जिससे DD-6 का दूषित, अमोनिया वाला पानी DD-8 में मिल जाता है और इस तरह ये अमोनिया दिल्ली पहुंचता है. इसके अलावा रोहतक शहर का नाला (रोहतक X-रेगुलेटर) भी पूरे शहर का गंदा पानी DD-8 नहर में लाकर गिराता है. रोहतक नाले में कई बार अमोनिया का स्तर 28ppm के करीब होता है. हरियाणा सरकार अपने STPs और CETPs को भी अक्सर बंद रखती है और अक्सर बिना ट्रीट किया हुआ पानी और सीवेज यमुना में छोड़ते रहते हैं, जिससे यमुना का पानी गंदा होता जाता है और दिल्ली में पानी के साथ भारी मात्रा में अमोनिया पहुंचता है.

अमोनिया लेवल बढ़ने से पानी की सप्लाई इन इलाकों में होगी प्रभावित-

सिविल लाइंस, हिंदू राव हॉस्पिटल और इसके आसपास के इलाके, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, NDMC एरिया, ओल्ड और न्यू राजेन्द्र नगर, पटेल नगर (ईस्ट & वेस्ट), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और इसके आस पास के इलाके, कालका जी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रह्लादपुर और आसपास के इलाके, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी और कैंट इलाके और दक्षिणी दिल्ली के कुछ अन्य इलाकों पर असर संभव है.

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