राघव चड्ढा का सरकारी बंगले के मुद्दे पर पहला बयान, 'पहले मुझे संसद से निकाला गया और अब...'
Delhi Bungalow Allocation Row: निचली अदालत ने राज्यसभा सचिवालय से राघव चड्ढा को आवंटित सरकारी बंगले को खाली कराने आदेश दिया है. AAP नेता ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है.
Raghav Chadha Banglow Allocation: आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय की ओर से आवंटित किए गए आवास को खाली कराने पर पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) जब मनचाहा सांसद को सस्पेंड कर दिया जाता है, जब मनचाहा किसी सांसद का घर छीन लिया और जब चाहा विपक्ष के नेता को पकड़ कर जेल में डाल दिया, जिस तरह से इस देश में लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो गया है, उससे देश को बचाने के लिए लड़ाई लड़नी होगी.
उन्होंने कहा, "देश को बचाने के लिए चाहे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े या फिर सुप्रीम कोर्ट का. हम देश को बचाने के लिए अंत लड़ेंगे और इसके लिए मैं एक नहीं 10 नहीं ऐसे 100 घर कुर्बान करता हूं, लेकिन इस लड़ाई को अंत लड़ूंगा और हार नहीं मानूंगा."
'हर प्लेटफॉर्म पर आवाज करूंगा बुलंद'
राघव चड्ढा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मैं अपने निलंबन को भी लेकर लड़ूंगा और अपने सरकारी आवास को लेकर जो कार्रवाई की जा रही है, उसको लेकर भी मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगा और हर प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज बुलंद करके बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ अपनी बात रखूंगा."
'मेरा मकान छीनने की कोशिश'
उन्होंने कहा कि यह घर मुझे राज्यसभा सचिवालय ने दिया था. मैंने सचिवालय से इस घर को जोर जबरदस्ती से नहीं लिया था. जिस तरह सभी सांसदों को निवास स्थान दिया जाता है, वैसे ही मुझे भी दिया था. शायद संसद भवन में मेरी मुखर आवाज और मेरे भाषणों से परेशान होकर मुझे संसद से निलंबित कर दिया गया और अब मेरा मकान छीनने की कोशिश की जा रही है.
बीजेपी पर निशाने साधते हुए आम आदमी पार्टी नेता ने कहा, "मैं बीजेपी से बस इतना कहना चाहता हूं कि मैं डरने वाला नहीं हूं. मैं शहीद भगत सिंह का चेला हूं. अंत तक तुम्हारे अन्याय के खिलाफ लड़ूंगा और इसके लड़ाई में 1 नहीं 100 घर कुर्बान करने पड़ें तो मैं सौ के सौ घर कुर्बान कर दूंगा."
निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में दी चुनौती
इससे पहले राघव चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय को उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली कराने से रोकने वाला अंतरिम आदेश रद्द करने के निचली अदालत के फैसले को मंगलवार (10 अक्टूबर) को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी.
इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया, जो बुधवार (11 अक्टूबर) को इसे सूचीबद्ध करने पर राजी हो गई.
निचली अदालत ने लगाई थी रोक
चड्ढा की वकील ने कहा कि संसद सदस्य को एक नोटिस दिया गया और बंगला खाली कराने की कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने बताया कि इससे पहले मामले में निचली अदालत ने रोक लगा दी थी, लेकिन इसे अब हटा लिया गया है.
निचली अदालत ने पांच अक्टूबर को आदेश दिया था कि आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है.
अदालत ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था. निचली अदालत ने कहा कि चड्ढा को अंतरिम राहत दी गई थी, क्योंकि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बिना आवास से बेदखल नहीं किया जाए.
यह भी पढ़ें- '...तो ED नाम का मेहमान आएगा', BJP पर निशाना साधते हुए बोले AAP सांसद राघव चड्ढा