दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तर में हुए तोड़फोड़ के मामले में जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने जांच की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत का दरवाजा खटखटाया है. राघव चड्ढा ने इस मामले में आरोपी बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ सेक्शन 156(3) के तहत आवेदन दिया है.
आवेदन में जांच प्रक्रिया में सुस्ती और महामारी एक्ट के सेक्शन में दर्ज हुई FIR से निराशा जताते हुए असरदार जांच और जांच की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत से अपील की गई है. राघव चड्ढा की ओर से कहा गया है कि आरोपियों ने कई अपराध किए हैं जिनमें आपराधिक रूप से दिल्ली जल बोर्ड में प्रवेश करना, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना आदि शामिल हैं.
बीजेपी नेताओं समेत 200 से 250 बीजेपी कार्यकर्ता पर आरोप
जांच की निगरानी के लिए राघव चड्ढा की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि “दिल्ली जल बोर्ड में तोड़ फोड़ और उपद्रव की इस अपमानजनक और भयावह घटना में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता, योगेन्द्र चंदोलिया (बीजेपी नेता), रवि तंवर (उपाध्यक्ष, करोल बाग बीजेपी) विकास तंवर और कुछ अन्य बीजेपी नेताओं के साथ 200 से 250 बीजेपी कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने दिनदहाड़े दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय में इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया.
हिंसा की घटना ने दिल्ली पुलिस की ओर से संदिग्ध निष्क्रियता के कारण ज्यादा जोर पकड़ लिया क्योंकि दिल्ली पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी ये सब कुछ देखती रही, जब दंगाई भीड़ ने कहर बरपाया और अवैध रूप से दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय पर हमला किया. दिल्ली जल बोर्ड की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और बोर्ड के अधिकारियों को काम करने में बाधा उत्पन्न की. इन सब के बावजूद संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण चिन्हित आरोपियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है."
आवेदन में अपील की गई कि पूरे प्रकरण की जांच कोर्ट की निगरानी में हो
आगे आवेदन में अपील की गई है कि "इसलिए, 156(3) के तहत कोर्ट में आवेदन कर के निष्पक्ष जांच के अधिकार के तहत कोर्ट से ये मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कोर्ट की निगरानी में निश्चित समयसीमा के भीतर हो." इसके साथ ही अन्य राहत के अलावा, अभियुक्तों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और उनके CDR लोकेशन सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य के उचित अधिग्रहण के लिए आवेदन के जरिए से मांग की गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली के झंडेवालान में स्तिथ दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय 'वरुणालय' के सामने बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के दौरान दफ्तर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी. जिस पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आरोप लगाया था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके दफ्तर में तोड़फोड़ और हंगामा किया और घटना के कुछ वीडियो भी शेयर किए थे. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन), 269 (महामारी एक्ट) के तहत FIR दर्ज की थी.
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