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Hemant Soren के लिए मुसीबत बन गया है जमीन का 'जिन्न', सरकार को हटाने के लिए BJP ने बनाया प्लान, जानिए पूरा मामला
Hemant Soren Charges: BJP इस मामले को लेकर अब सड़क पर उतर गई है. विरोध प्रदर्शन से लेकर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी गई है. राज्यपाल भी रिपोर्ट प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक पहुंचा चुके हैं.
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Raghuvar Das Vs Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगे हैं. दावा किया जा रहा है कि एक मुख्यमंत्री ने करीब 1 एकड़ जमीन के लिए खुद ही आवेदन किया और अपने विभाग से आवंटित भी करा लिया. ये जमीन रांची से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर अनगड़ा इलाके में पत्थर खदान से संबंधित है, जिसमें आवेदन कर्ता का पता हेमंत सोरेन कहा है. जमीन के आवंटन के लिए इलाके के अधिकारियों ने भी मंजूरी दे दी और पूरा मामला तीन से 4 महीने में निपटा दिया गया. हेमंत सोरेन के आवेदन में कहा गया कि उन्हें जमीन आवंटित कर दी जाए, ये जमीन पत्थर की खदान की है.
वहीं चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में पता आवंटित जमीन से अलग है. साल 2019 दिसंबर में आई हेमंत सरकार का नाता किसी न किसी वजह से विवादों में रहा है. हालांकि ये पहली बार ही है कि राज्य के सीएम ने जमीन अपने नाम लिखवाने के लिए खुद को ही कटघरे में खड़ा कर दिया हो. हालांकि पार्टी कह रही है कि सीएम को फंसाया जा रहा है.
हाईकोर्ट में पहुंच चुका है मामला
हालांकि सवाल ये है कि क्या दस्तावेजों में गलती चुनाव आयोग से सच्चाई छिपाने के लिए की गई है. जमीन 2008 लेकर 2018 तक सीएम के पास थी, जिसमें 2013-2014 के दौरान वो खुद सीएम रहे. हालांकि उस समय इस जमीन को सरेंडर नहीं किया गया. अगर कोई भी शख्स इस तरह के पद पर आसीन होता है तो उसे दो महीने के भीतर अपने सारे कार्यों और व्यापारों से खुद से अलग करना होता है. वहीं पार्टी ने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐसा कुछ नहीं किया. RTI में निकले दस्तावेजों के आधार पर अब झारखंड हाईकोर्ट में यह मामला पहुंच गया है. कोर्ट ने दो नोटिस भेज दिए हैं, एक हेमंत सोरेन को बतौर नागरिक और दूसरा प्रशासन को. प्रशासन से ये पूछने के लिए इन दस्तावेजों में सच्चाई कितनी है, जवाब अभी भी अपेक्षित है.
सीएम के परिवार पर भी आरोप
BJP इस मामले को लेकर अब सड़क पर उतर गई है. विरोध प्रदर्शन से लेकर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी गई है. राज्यपाल भी रिपोर्ट प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक पहुंचा चुके हैं. इस पूरे मामले में हेमंत सोरेन अकेले नहीं हैं, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पर भी सवाल उठे हैं. उनकी पत्नी जो कंपनी चलाती हैं, उसे भी 11 एकड़ ज़मीन आवंटित किए जाने का आरोप है. हेमंत के ही छोटे भाई बसंत सोरेन पर भी इस तरह के आरोप लगे हैं. पूरा परिवार इस समय विभिन्न तरह के आरोपों से घिरा हुआ है. चुनावी बिगुल बजा चुकी BJP अब रास्ते पर उतर कर कभी हेमंत सोरने के इस्तीफे की मांग कर रही है, कभी सरकार को बर्खास्त करने के लिए अपनी रणनीति तेज करने पर विचार कर रही है.
क्या बोले कैबिनेट मंत्री आलमगीर
वहीं हेमंत सोरेन पर लगे आरोपों पर झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के आरोप बेबुनियाद हैं. सीएम की पत्नी पर भी जो आरोप हैं, उसको लेकर भी गहराई से देखने की जरूरत है. सीएम जब विधायक थे मामला तब का है, जिसे रद्द भी करवाया गया था. सीएम हेमंत सोरने ने अपने नाम से कभी आवेदन नहीं किया.
पार्टी ने भी दी है ये सफाई
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की सुप्रिया भट्टाचार्य ने आरोपों पर कहा कि आरोप लगाना आसान होता है. जिन लोगों ने लंबे समय तक राज्य के लिए काम किया उन पर आरोप आसानी से लगा दिए जाते हैं. ये लोग बिना आरोप लगाए नहीं रह सकते. हम यहां किसी को लूटने की छूट नहीं देंगे, जब लूटने की छूट नहीं होगी तो लोग तिलमिलायेंगे.
पूर्व सीएम का ये है आरोप
वहीं झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन को झारखंड की जनता ने राज्य की सेवा करने के लिए गद्दी में बैठाया था, लेकिन जनता की सेवा के बजाय वो खुद की सेवा में लगे हुए हैं. अपने नाम ही खदान के लिए जमीन खरीदी. धारा 191 , 9A के तहत ये उलंघन का मामला बनता है. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष की ये बात नहीं है. सत्ता आती-जाती रहती है. बात लोकतांत्रिक मूल्यों की है, जहां लोकतंत्र में जनता का शासन, जनता के लिए होता है, लेकिन इस राज्य में हेमंत सोरेन जी ने अपने परिवार के लिए किया. एक ही परिवार के हित के काम हो रहे हैं.
वकील ने किया ये दावा
इस पर वकील राजीव कुमार ने कहा कि हेमंत सोरेन ने रांची में मोजूद जमीन अपने नाम ली. यह मामला अभी हाईकोर्ट में है. उसको हमलोगो ने चुनौती दी है, जिस पर हाईकोर्ट ने नोटिस भी दिया है. वकील ने कहा कि सरकार से जुड़ी वेबसाइट पर सारी चीजें क्लियर हैं. सभी दस्तावेजों पर सीएम ने हस्ताक्षर किए हैं.
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