प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ किया मंथन
राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ, अंबिका सोनी, हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेता शामिल हुए.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव को लेकर हाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया, जिसमें अधिकतर नेताओं का मानना था कि उनके आने से कांग्रेस को फायदा होगा. समाचार एजेंसी पीटीआई ने पार्टी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने 22 जुलाई को यह बैठक बुलाई थी और इसका मुख्य एजेंडा पार्टी में शामिल होने की स्थिति में प्रशांत किशोर को दी जाने वाली भूमिका और इससे पार्टी को होने वाले हानि-लाभ पर चर्चा करना था.
राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ, अंबिका सोनी, हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेता शामिल हुए. सूत्रों ने बताया कि बैठक में शामिल अधिकततर नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा.
इस बैठक से अवगत एक सूत्र ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘राहुल गांधी जी ने प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को लेकर वरिष्ठ नेताओं से उनकी राय जानी. ज्यादातर लोगों की यही राय थी कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी.’’ राहुल गांधी की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की इस बैठक से पहले 13 जुलाई को प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं.
इस मुलाकात के बाद से प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव है. हालांकि प्रशांत किशोर की ओर से कुछ नहीं कहा गया है और और कांग्रेस ने भी इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘प्रशांत किशोर पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना राष्ट्रीय स्तर पर कोई भाजपा विरोधी मोर्चा नहीं बन सकता. अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो इससे पार्टी को फायदा होगा. ऐसी स्थिति में उनकी भूमिका क्या होगी, इस बारे में फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है.’’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वह अब चुनावी रणनीतिकार की भूमिका से मुक्त होंगे. इसके बाद से ही उनके एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में कदम रखने की संभावना जताई जा रही है. वह कुछ साल पहले जनता दल (यू) में शामिल हुए थे, हालांकि बाद में उनको अलग होना पड़ा.
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