राहुल का दावा पर्रिकर ने किया खारिज, कहा- 'आपसे मुलाकात हुई लेकिन राफेल पर कोई बात नहीं हुई'
राहुल गांधी ने कल गोवा में मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की थी. पर्रिकर से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा, ''मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने खुद कहा था कि डील बदलते समय पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था.’’
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नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक दावे पर पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने उन्हें चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि राहुल जी आपसे मुलाकात तो हुई थी, लेकिन राफेल डील को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. इससे पहले राहुल गांधी ने दावा किया था कि कल पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उनसे राफेल डील को लेकर बात की थी.
राजनीतिक फायदे के लिए राहुल गांधी ने बोला झूठ- पर्रिकर
राहुल गांधी के दावे को लेकर सीएम मनोहर पर्रिकर ने प्रेस रिलीज जारी की है. इस प्रेस रिलीज में बाकायदा ये बात लिखी है कि उनकी राहुल गांधी से मात्र पांच मिनट मुलाकात हुई थी और इस मुलाकात में राफेल डील पर कोई बात नहीं हुई. पर्रिवकर ने कहा है कि आपने राजनीतिक फायदे के लिए राहुल गांधी ने देश के सामने झूठ बोला है.
BREAKING: गोवा के सीएम @manoharparrikar ने @RahulGandhi को चिट्ठी लिखी. कहा-राफेल डील पर राहुल गांधी से कोई बातचीत नहीं हुई थी, कांग्रेस अध्यक्ष से 5 मिनट बात हुई थी जिसमें राफेल पर कोई चर्चा नहीं हुई pic.twitter.com/gj2Ib62lHz
— ABP न्यूज़ हिंदी (@abpnewshindi) January 30, 2019
राहुल गांधी ने क्या दावा किया था?
दरअसल राहुल गांधी ने कल गोवा में बीमार चल रहे राज्य के सीएम मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की थी. पर्रिकर से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा, ''मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने खुद कहा था कि डील बदलते समय पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था.’’ राहुल ने आगे कहा, ‘’राफेल पर हमने 3-4 सवाल पूछे...बड़े सवाल नहीं थे. लेकिन चौकीदार कभी यूं देखें, कभी इधर देखें, कभी उधर देखें, कभी यहां देखें पर आंख से आंख नहीं मिला पाए.''
राफेल विवाद है क्या?
बता दें कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था. अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. राफेल डील में 50 फीसदी ऑफसेट क्लॉज का प्रावधान है. यानि इस सौदे की पचास फीसदी कीमत को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा.
इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है. अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही है. ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि "36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 फीसदी है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं.''
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