Rahul Gandhi Cambridge University Speech: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा वायनाड सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सात दिन के ब्रिटेन दौरे पर हैं. बुधवार (1 मार्च) को उन्होंने यहां के क्रैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) में भाषण दिया. राहुल ने अपने भाषण में कहा कि 'लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए नई सोच जरूरी' है. बता दें कि राहुल गांधी ‘कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल’ (Cambridge JBS) में विजिटिंग फेलो हैं.
राहुल गांधी ने अपने भाषण को ‘सुनने की कला’ पर केंद्रित किया और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए नई सोच का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि दुनिया में लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए नई सोच जरूरी है लेकिन उसे थोपा न जाए.
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट पर बोले राहुल गांधी
हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस बदलाव से बड़े पैमाने पर असमानता और आक्रोश सामने आया है, जिस पर तत्काल ध्यान देने और संवाद की जरूरत है. उन्होंने विश्वविद्यालय में ‘21वीं सदी में सुनना सीखना’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा, ‘‘हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते जहां लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं नहीं हों.’’
राहुल ने कहा, ‘‘इसलिए, हमें इस बारे में नई सोच की जरूरत है कि आप बलपूर्वक माहौल बनाने के बजाय किस तरह लोकतांत्रिक माहौल बनाते हैं.’’ उन्होंने कहा कि 'सुनने की कला' 'बहुत शक्तिशाली' होती है. उन्होंने कहा कि दुनिया में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का बहुत महत्व है.
'भारत जोड़ो यात्रा' का किया जिक्र
व्याख्यान को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया गया था. इसकी शुरुआत ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जिक्र से हुई. राहुल गांधी ने लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक की थी और यह यात्रा भारत के 12 राज्यों से होकर गुजरी थी.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से विशेष रूप से सोवियत संघ के 1991 के विघटन के बाद से अमेरिका और चीन के ‘दो अलग-अलग दृष्टिकोण’ पर व्याख्यान का दूसरा भाग केंद्रित रहा. राहुल गांधी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित नौकरियों को खत्म करने के अलावा अमेरिका ने 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमलों के बाद अपने दरवाजे कम खोले जबकि चीन ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के ईद गिर्द के संगठनों के जरिये ‘सद्भाव को बढ़ावा दिया है.’
कैंम्ब्रिज के छात्रों को बताया यात्रा एक तीर्थयात्रा है
राहुल के व्याख्यान के अंतिम चरण का विषय ‘वैश्विक बातचीत की अनिर्वायता’ था. उन्होंने विभिन्न दृष्टिकोणों को अपनाने के नए तौर तरीकों के लिए आह्वान में विभिन्न आयामों को साथ पिरोने की कोशिश की. उन्होंने कैंम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों को यह भी समझाया कि ‘यात्रा’ एक तीर्थयात्रा है जिससे लोग खुद ही जुड़ जाते हैं ताकि वे दूसरों को सुन सकें.
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