Congress-SP: 2027 तक बनी रहेगी राहुल-अखिलेश की जोड़ी? सपा-कांग्रेस गठबंधन पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स, जानें
Congress-SP Alliance: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. दोनों ही दलों को इसका फायदा भी हुआ है, क्योंकि उन्होंने 43 सीटें जीती हैं.
Rahul Gandhi News: लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि जिस तरह से इंडिया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किया है, क्या वह उसे आगे भी दोहरा पाएगा. ये एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है. हालांकि, यूपी में सफलता की कहानी तभी लिखी जाएगी कि जब आगे भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर राज्य के चुनावी मैदान में उतरते हैं. इस बार दोनों ने मिलकर यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 43 पर जीत हासिल की है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए पटकथा अभी से लिखना शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का गठबंधन 2027 तक जारी रहेगा और क्या कांग्रेस खुद को यूपी में पुनर्जीवित कर सकती है? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक टिप्पणीकार राशिद किदवई ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि सपा और कांग्रेस के लिए 'यूपी के लड़के' वाली बात क्लिक कर गई है और ये गठबंधन जारी रहने वाला है.
यूपी में कांग्रेस करेगी तमिलनाडु वाली व्यवस्था: राशिद किदवई
राशिद किदवई ने कहा कि राहुल गांधी अब ये दिखाना चाह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी जीत का मार्जिन बहुत कम रहा है. यूपी को लेकर हुए सर्वे भी दिखा रहे हैं कि राहुल की लोकप्रियता बढ़ रही है. चुनावी जीत के बाद कांग्रेस ने भी ये दिखाने की कोशिश की है कि राहुल की जीत का मार्जिन मोदी से ज्यादा रहा है.
उन्होंने कहा कि ये गठबंधन जारी रहने वाला है, क्योंकि यूपी के लड़के वाली बात क्लिक कर चुकी है. यहां तमिलनाडु जैसी व्यवस्था होगी, जहां राज्य में सपा के हाथ कमान होगी और केंद्र के स्तर पर कांग्रेस का कंट्रोल रहेगा. इस वजह से यूपी में अब बीजेपी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. यही वजह है कि वह अब चिंतित भी है.
परिपक्व गठबंधन बनेगा सपा-कांग्रेस का अलायंस: अमिताभ तिवारी
वहीं, राजनीतिक रणनीतिकार अमिताभ तिवारी का भी मानना है कि यह गठबंधन एक लंबे समय तक चलने वाले गठबंधन के रूप में परिपक्व हो सकता है. यूपी में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में हमने देखा कि बीजेपी-एनडीए के सीटों की संख्या कम हुई है. ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन एक परिपक्व गठबंधन बन सकता है.
उन्होंने कहा कि हमने पहले ही देखा है कि किस तरह से दोनों ने बातचीत के बाद सीटों का बंटवारा किया. विधानसभा में 100 सीटों पर कांग्रेस तो समाजवादी पार्टी 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. वोट शेयर के हिसाब से सीटों का बंटवारा हो सकता है. ऐसे में ये गठबंधन जारी रहने वाला है.
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