CBI Vs CBI: राहुल गांधी ने बवाल को राफेल से जोड़ा, सरकार बोली- विपक्ष के आरोप बकवास
सीबीआई में रिश्वत कांड का झगड़ा सीबीआई से बाहर निकलकर सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच चुका है. इसके साथ ही राजनीति का खेल अपने चरम पर है. हर छोटी बड़ी विपक्षी पार्टी इसे लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है.
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में कल यानी बुधवार को दिन भर हलचल मची रही. दोनों टॉप अफसरों के एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के बाद सरकार एक्शन में आयी. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया, ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पूरे मामले को राफेल डील जोड़ दिया. राहुल गांधी का कहना है कि आलोक वर्मा जल्द ही राफेल मामले की जांच शुरू करना चाहते थे, इसीलिए सरकार ने उन्हें आनन फानन में हटा दिया.
सरकार के फैसले के खिलाफ sc पहुंचे आलोक वर्मा छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. आलोक वर्मा की दलील है कि सीबीआई निदेशक को 2 साल से पहले पद से नहीं हटाया जा सकता. वक्त से पहले हटाने के लिए पीएम, विपक्ष के नेता और सीजेआई की कमेटी फैसला लेती है. आलोक वर्मा ने सरकार के आदेश को मौलिक अधिकार 14, 19 और 21 का उल्लंघन बताया है. आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगी.
राहुल गांधी ने क्या कहा? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के झालावाड़ में सीबीआई संकट पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर ने राफेल के कागज मंगवाए थे. प्रधानमंत्री ने कल रात सीबीआई निदेशक को हटा दिया. राहुल गांधी के मुताबिक सीबीआई राफेल पर सवाल उठा रही थी.
सरकार ने पूरे मामले पर क्या सफाई दी? अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. उसकी गरिमा बनी रहे यह जरूरी है. सीबीआई की संस्थागत गरिमा बनाए रखना और इस दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है. राफेल डील की जांच की वजह से आलोक वर्मा की छुट्टी किये जाने के विपक्षी दलों के आरोपों को जेटली ने बकवास बताया. उन्होंने कहा, ''क्या दो अधिकारी जो जांच का सामना कर रहे हैं वो ही अपनी जांच करवाएं? विपक्ष के आरोप बकवास हैं.'' जेटली ने आगे कहा कि विपक्ष अगर किसी अधिकारी का समर्थन करता है तो उससे अधिकारी की छवि को भी नुकसान होगा. सीबीआई पर सवाल उठे तो इसका फायदा घोटालेबाजों को ही होगा.
प्रशांत भूषण भी राफेल मुद्दे बताया वजह वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सीबीआई की उठापटक पर बड़ा बयान दिया. प्रशांत भूषण ने सीबीआई में हो रही उठा पटक को राफेल सौदे से जोड़ दिया. प्रशांत भूषण ने कहा- सरकार की ओर से पूरी कवायद राकेश अस्थाना को बचाने के लिए हो रही है. हमें लगता है कि शायद ये राफेल पर हमारे आरोपों को सीबीआई जांच से बचाने के लिए ये सबकुछ हो रहा है.
प्रशांत भूषण ने कहा, ''सरकार ने रातों रात आदेश निकाल कर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को हटाकर एम नागेश्वर राव को एक्टिंग डायरेक्टर बना दिया. ये जानते हुए कि उनपर पहले से ही गंभीर आरोप लगे हैं. ये सबकुछ देखकर हमने फैसला किया है कि हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका देंगे. हमें ये भी पता चला है कि आलोक वर्मा ने खुद इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया है जिस पर परसों सुनवाई होगी.''
दर्जनभर अधिकारियों का ट्रांसफर, जांच के लिए बनी नई टीम इस बीच सीबीआई में दर्जनभर बड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. राकेश अस्थाना मामले की जांच कमेटी के सभी अधिकारियों को हटाकर एक नई जांच टीम बनाई गई है. सरकार का कहना है कि ऐसा सीवीसी की अनुशंशा पर किया गया है.
ट्रांसफर किये गये अधिकारियों में सीबीआई डीएसपी अजय बस्सी का भी नाम है जो राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज केस की जांच कर रहे थे. सीबीआई ने डीआईजी आशीष कुमार सिन्हा, डीआईजी तरुण गॉबा, डीआईजी जसबीर सिंह, डीआईजी आशीष प्रसाद, डीआईजी केआर चौरसिया, एचओबी राम गोपाल और एसपी सतिश डागर को ट्रांसफर कर दिया है.
डीएसपी एके बस्सी को एसीबी पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है और एडिशनल एसपी एसएस गुम को एसीबी जबलपुर बनाकर भेजा गया है. सीबीआई ने जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया है उनमें ज्वाइंट डायरेक्टर पर्सनल अरूण कुमार शर्मा, मुरगेसेन, ए सांई मनोहर और अमित कुमार भी हैं. ए सांई मनोहर को चंडीगढ़ से दिल्ली लाया गया है.
CBI की अंदरूनी कलह का पूरा मामला है क्या? सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.
सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है. अस्थाना के मुताबिक वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने ली है.