नई दिल्ली: एक आरटीआई के हवाले से बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) अध्यक्ष अमित शाह पर बेहद गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. आरोप है कि नोटबंदी के दौरान गुजरात के 370 कोऑपरेटिव बैंकों में से एक बैंक में 745 करोड़ रुपये जमा कराया गया. अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में सबसे ज़्यादा 745 करोड़ जमा कराया गया. इस बैंक के डायरेक्टर अमित शाह और उनके दो सहयोगी थे.
कांग्रेस अध्यक्ष का बीजेपी अध्यक्ष पर करारा हमला
नोटबंदी के दौरान के इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमलावर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, "अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर, अमित शाह जी बधाई हो. आपके बैंक ने (नोटबंदी के बाद) पुराने नोटों को बदलकर नया करने में बाज़ी मार ली है. पांच दिनों में 750 करोड़." उन्होंने आगे लिखा है कि उन लाखों भारतीयों का आपको सलाम जिनकी ज़िंदगी नोटबंदी की वजह से बर्बाद हो गई.
कांग्रेस ने खड़े किए कई सवाल
कांग्रेस के मुताबिक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि 10 से 14 नवंबर के बीच अहमादबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक में 745 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए. वहीं पार्टी ने आगे कहा कि नोटबंदी के दौरान गुजरात के 11 जिला सहकारी बैंकों से 3,118 करोड़ रुपये जमा कराए गए, सभी बैंकों का बीजेपी के बड़े नेताओं से कनेक्शन है. कांग्रेस ने बीजेपी से सवाल पूछा है कि आखिर कोऑपरेटिव बैंक में जमा पैसा किसका काला धन है. कांग्रेस ने अमित शाह से जवाब मांगा है और जांच की मांग की है.
नोटबंदी बड़ा घोटाला, जांच हो
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी और उनके अध्यक्ष शाह घबराए हुए हैं और पोल खुलने के डर से मीडिया पर दबाव डाल कर एजेंडा बदलने की कोशिश कर रहे हैं. अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक ने नोटबंदी को नोटबदली का धंधा बना दिया था. नोटबंदी इस देश का सबसे बड़ा घोटाला था. सुरजेवाला ने कहा कि ये बात राहुल गांधी समेत सभी लोगों ने कही थी, लेकिन तब साक्ष्य नहीं थे. अब साक्ष्य आ गया है. इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
आपको बता दें कि 7 मई 2018 को RTI के जवाब में ये बात सामने आई है. कांग्रेस ने पूछा है कि ये किसका कालाधन था, इसका जवाब मोदी और अमित शाह को देना होगा. कांग्रेस ने ये भी कहा इससे पहले नोटबंदी से ठीक पहले बीजेपी ने करोड़ो की जमीन खरीदी थी. सुरजेवाला ने कहा कि क्या मोदी, भागवत, शाह सार्वजनिक करेंगे कि अब तक कितनी प्रोपर्टी खरीदी गई. चेक से खरीदा या कैश से?
नाबार्ड ने दी मामले पर सफाई
मामले पर कोऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करने वाली संस्था नाबार्ड का कहना है कि अहमदाबाद जिला सहकारिता बैंक ने आरबीआई गाइडलाइन्स के मुताबिक केवाईसी का पालन किया. नोटबंदी के दौरान बैंक ने नोट बदलने की प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया. संस्था ने आगे कहा है कि नोटबंदी के दौरान गुजरात में महाराष्ट्र और केरल की तुलना में कम पैसे जमा हुए.