नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने न्याय अवरुद्ध करने का प्रयास किया है.


कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने दिवंगत जज लोया के मामले का उल्लेख किया और सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया, ''ब्रेव जज लोया को याद कर रहा हूं, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था.''






बता दें कि सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह आरोपी थे, लेकिन बाद में सभी आरोपों से बरी हो गए.


प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, "जज मुरलीधर का मध्यरात्रि में ट्रांसफर मौजूदा शासन को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है. लेकिन यह निश्चित तौर पर दुखद और शर्मनाक है.'' उन्होंने आरोप लगाया, ''करोड़ों भारतीय नागरिकों को न्यायपालिका पर आस्था है. न्याय को अवरुद्ध करने और लोगों का विश्वास तोड़ने का सरकार का प्रयास निंदनीय है."






दरअसल, दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हो गया है. केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज पद संभालने का निर्देश दिया है.


राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. हिंसा में 50 से अधिक पुलिसकर्मी समेत करीब 200 लोग जख्मी हुए हैं. हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 18 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज कर ली हैं. अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है.


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