नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है. इसका मकसद है कि पायलट और उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो.


पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें विस्तार से अपनी चिंताओं से अवगत कराया. दोंनों के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक बातचीत हुई.’’


उनके मुताबिक, सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई. वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पायलट और अन्य नाराज विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान और उचित समाधान तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी.’’


विधायक लौटेंगे जयपुर


इस बीच खबर है कि पायलट और उनके खेमे के विधायक जल्द ही जयपुर लौटेंगे. पायलट खेमे के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा ने सीएम अशोक गहलोत से आज मुलाकात की. सीएम से मुलाकात के बाद शर्मा ने कहा कि गहलोत पार्टी के मुखिया हैं और अब उनके अंदर किसी तरह की कोई नाराज़गी नहीं है.


भंवर लाल शर्मा ने कहा, "कोई कैंप नहीं था, न ही कोई कैद में था. भंवर लाल को कोई कैद नहीं कर सकता. मैं वहां अपनी मर्ज़ी से गया था, मैं यहां भी अपनी मर्ज़ी से आया हूं."


मुलाकात को लेकर भंवर लाल शर्मा ने कहा, "मैं उनसे मिला. पार्टी एक परिवार की तरह है और अशोक गहलोत उसके मुखिया हैं. अगर परिवार में कोई नाराज़ होता है तो वो खाना, खाना बंद कर देता है. इसलिए मैंने एक महीने के लिए अपनी नाखुशी ज़ाहिर की. अब किसी तरह की कोई नाराज़गी नहीं है. पार्टी लोगों से किए सभी वादे पूरे करेगी.''


'गहलोत कुर्सी छोड़ें'
राजस्थान में चल रहे चल रहे सियासी संकट पर तंज कसते हुए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.


पूनियां ने कहा, ‘‘ इन 21 दिन में देश दुनिया में राजस्थान की छवि को तार तार किया गया, ऐसे अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए ताकि काफी कुछ समस्याओं का समाधान हो.’’


गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे.


मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था.


पायलट और उनके साथी 18 अन्य विधायकों की बगावत के कारण गहलोत सरकार मुश्किल में आ गई है. गहलोत और कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए पिछले कई हफ्तों से जुटे हुए हैं. पहले विधायकों को जयपुर के होटल में रखा गया था. बाद में उन्हें जैसलमेर के एक होटल में भेज दिया गया.


पिछले कई हफ्तों से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने बार-बार दोहराया है कि अशोक गहलोत सरकार के पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है और उसके ऊपर कोई खतरा नहीं है.